श्रीनगर गढ़वाल: “मन इच्छा होती नहीं प्रभु इच्छा तत्काल” वाली उक्ति इस समय उन परिवारों पर लागू होती है ‘जिन परिवारों मे 13 तारीख को बैसाखी के पुनीत पर्व पर शादियों की तिथि निर्धारित की गयी है। क्योंकि उस समय कोरोना वायरस की दूर दूर तक इस तरह की कहीं संभावना नहीं थी। अब आम जन मानस के सामने ऊहापोह की स्थिति बनी हुई है।
![]()
इस सन्दर्भ मे जाने माने समाज सेवी’ राज्यपाल पुरस्कार से सम्मानित नशा उन्मूलन प्रभारी अखिलेश चन्द्र चमोला ने इन परिवारों से अपील करते हुए कहा कि देश हित को सर्वोपरि मानते हुए शादियों की तिथियो को पीछे करना ही शुभकारी रहेगा। हम सभी परस्पर सहयोग से ही इस वाइरस से मुक्त हो सकतें हैं। चमोला ने कहा कि हमें उन चिकित्सकों के विषय में भी सोचना चाहिए कि जिन्होंने कोरोना महामारी रोग से ग्रसित रोगियों की सेवा करते हुये अपने प्राणों तक की आहुति दे डाली। इस स्थिति में हम सभी का प्रयास होना चाहिए कि हम लॉकडाउन का पूर्णतया पालन करते हुए प्रशासन को भरपूर सहयोग प्रदान करें।


