देहरादून: कोरोना वायरस के संक्रमण को देखते हुए उत्तराखंड में बाहर से आने वाले सभी देशी तथा विदेशी पर्यटकों पर रोक लगा दी गई है। शुक्रवार को सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य और परिवार कल्याण नीतेश झा ने इसके आदेश जारी कर दिए हैं। कोरोना वायरस फैलने से रोकने के लिए एपिडेमिक डिजीज एक्ट-1987 के तहत उत्तराखंड एपिडेमिक डिजीज COVID-19 रेगुलेशन 2020 में शामिल शक्तियों का प्रयोग करते हुए अग्रिम आदेशों तक उत्तराखंड में सभी घरेलू और विदेशी पर्यटकों के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है। उत्तराखंड रोडवेज ने दिल्ली मार्ग पर चल रहीं 300 बसों का संचालन बंद कर दिया है। राज्य की सीमाओं पर सघन जांच कर पर्यटकों को इस संबंध में जानकारी दी जाएगी। जो पर्यटक यहा पहुंचते भी हैं तो उन्हें यहां रुकने की अनुमति नहीं दी जाएगी। उन्हें सरकार के आदेशों के बारे में अवगत कराया जाएगा। बावजूद इसके अगर कोई होटल इन्हें अपने यहां ठहराता है तो उस पर एपीडेमिक एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी। उत्तराखंड में अभी तक कोरोना के जो मामले सामने आए हैं वे लगभग सभी पीड़ित विदेश या देश के अन्य हिस्सों से वापस आए थे। इस कारण माना जा रहा है कि बाहर से आने वाले पर्यटकों से ही राज्य में कोरोना के अधिक संक्रमण की आशंका है। इसे देखते हुए राज्य में आने वाले पर्यटकों पर रोक लगाने के लिए एयरपोर्ट, बस स्टेशन पर सूचना चस्पा करने के साथ ही टूर ऑपरेटर्स और टैक्सी संचालकों को भी सूचित किया गया है। इससे पहले हिमाचल सरकार की भी यह आदेश जारी कर चुकी है। राज्य सरकार द्वारा 65 वर्ष से अधिक आयु के बुजुर्गों और 10 वर्ष से कम आयु के बच्चों को 31 मार्च तक घर पर ही रहने की अपील की गई है।
भारत में कोरोना वायरस के मामले बढ़कर 230 हो गए हैं। इनमें से 28 मरीज ठीक हो चुके हैं। वहीं 198 मरीजों का अभी इलाज जारी है। इसके अलावा 4 मरीज की मौत हो चुकी है। कोरोना वायरस के सबसे अधिक मामले महाराष्ट्र से सामने आए हैं। शुक्रवार को 3 नए मामले सामने आने के साथ ही अब महाराष्ट्र में कुल 52 केस हो गए हैं। कोरोना वायरस के खतरे के मद्देनजर महाराष्ट्र सरकार ने मुंबई समेत 4 शहरों में लॉकडाउन का फैसला किया है। कोरोना से दुनियाभर में अब तक 10 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। जबकि 2 लाख 50 हजार से ज्यादा लोग इस बीमारी से ग्रस्त हैं। चीन के अलावा इटली में सबसे ज्यादा मौतें हुई हैं।