सौरमंडल के सबसे बड़े ग्रह बृहस्पति के राशि परिवर्तन से 1 अप्रैल से प्रभाव में आएगी कमी 13 अप्रैल 2020 से ग्रहों के राजा सूर्य के अपनी उच्च राशि मेष में जाने पर होगा इस वायरस का खात्मा
चीन से फ़ैलकर पूरे विश्व में महामारी का रूप ले चुका कोरोना वायरस सौरमंडल में चल रही ग्रहों की हलचल के चलते 30 मार्च तक बहुत प्रभावी रहेगा. बृहस्पति ग्रह के राशि परिवर्तन से इसके प्रभाव में 30 मार्च से कमी आएगी. तथा 13 अप्रैल 2020 को ग्रहों के राजा सूर्य के अपनी उच्च राशि मेष पर पहुंचने पर इस वायरस का पूर्ण रूप से खात्मा हो जाएगा.
राजकीय इंटरमीडिएट कॉलेज आईडीपीएल के संस्कृत प्रवक्ता आचार्य डॉक्टर चंडी प्रसाद घिल्डियाल ने बताया कि उन्होंने कोरोना वायरस पर ज्योतिषीय शोध किया तो पता चला है कि चीन की सूर्य कुंडली कन्या लग्न की है उसमें लग्नेश बुध गोचर में रोग भाव में विराजमान है तथा चतुर्थ भाव में धनु राशि में बृहस्पति मंगल एवं पाप ग्रह केतु की युति होने से इस जानलेवा वायरस की उत्पत्ति हुई. जो 29 मार्च तक प्रभावी रहेगा 29 मार्च को सायंकाल 7:18 पर बृहस्पति ग्रह के अपने धनु राशि को छोड़कर मकर राशि में चले जाने के बाद इसके प्रभाव में कुछ कमी आएगी.
उत्तराखंड ज्योतिष रत्न सम्मान से सम्मानित डॉक्टर चंडी प्रसाद आगे बताते हैं कि कोई भी मारक वायरस शनि एवं राहु से प्रभावित होकर वायुमंडल में ऑक्सीजन के कारक बृहस्पति पर जब प्रभाव डालते हैं तो हवा दूषित और विषैली हो जाती है. राहु का संबंध जहां धुआं तथा आसमान से है वही शनि का संबंध हवा में फैले कणों से है जो बीमारी को फैलाने का काम करते हैं. वर्तमान गोचर में राहु अपनी उच्च मिथुन राशि में है जो भारतवर्ष की वृष लग्न की कुंडली का दूसरा घर है तथा आम जनमानस के मुंह और नाक का कारक है. तथा इस घर का कारक ग्रह बृहस्पति है जो केतु के पाप प्रभाव में चल रहा है. इसी बृहस्पति के ऑक्सीजन का कारक होने के कारण कोरोना वायरस का संक्रमण चल रहा है. क्योंकि पूरे ब्रह्मांड में ऑक्सीजन का कारक बृहस्पति ही है. इसलिए उसे ज्योतिष शास्त्र में जीवन भी कहा गया है.
कहां-कहां रहेगा इस वायरस का ज्यादा प्रभाव
ज्योतिष वैज्ञानिक डॉक्टर चंडी प्रसाद घिल्डियाल बताते हैं कि बृहस्पति ज्योतिष शास्त्र में उत्तर दिशा का कारक है. इसलिए भारत के दिल्ली हरियाणा चंडीगढ़ पंजाब राजस्थान हिमाचल और जम्मू कश्मीर इस वायरस से ज्यादा प्रभावित रहेंगे. 24 मार्च को अमावस्या तिथि है उससे 30 मार्च तक यह रोग भयंकर तबाही मचाएगा. लोगों को सावधान देने की आवश्यकता है. परंतु 29 मार्च को सायंकाल जैसे ही सौरमंडल का सबसे बड़ा ग्रह बृहस्पति केतु की पकड़ से बाहर होकर मकर राशि में जाएंगे इसके प्रभाव में न्यूनता आएगी. परंतु लोग अस्पतालों के चक्कर काटते रहेंगे.
कब होगा इस खतरनाक वायरस का खात्मा
ज्योतिष में अंतरराष्ट्रीय हस्ताक्षर माने जाने वाले डॉक्टर घिल्डियाल का स्पष्ट कहना है चंद्रमा का प्रभाव फेफड़ों पर होने से इस रोग का संक्रमण रात्रि के समय ज्यादा रहेगा परंतु चंद्रमा सूर्य के प्रकाश से प्रकाशित है. इसलिए 13 अप्रैल को सूर्य जब अपनी उच्च राशि मेष में संचरण करने लगेंगे तो इस जानलेवा वायरस का खात्मा हो जाएगा.
कैसे करें संक्रमण से बचाव
सौर विज्ञानी डॉक्टर घिल्डियाल बताते हैं कि इस खतरनाक वायरस से बचने के लिए प्रतिदिन सुबह घर में गंगाजल अथवा गोमूत्र का छिड़काव करें घर में आरती की कपूर लॉन्ग पीली सरसों छोटी इलायची को घी मैं मिलाकर आम की लकड़ियों से हवन करें महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें. शाम सुबह गर्म पानी का सेवन करें घर से बाहर निकलते समय माथे पर पीले केसर का तिलक लगाएं.