Rishikesh Karnaprayag Railway Line Tunnel Blasting: ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना का कार्य इन दिनों तेजी से चल रहा है। परन्तु इसबीच रेलवे की सुरंग निर्माण में की जा रही ब्लास्टिंग के कारण कोट ब्लॉक के कई गाँवों में आवासीय भवन खतरे की जद में आ गए हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि रेल निर्माण कार्य के दौरान हो रहे विस्फोटों से विकासखंड कोट के अंतर्गत कांडी, रामपुर, मरगुड़ गांव के करीब 150 मकानों में दरारें पड़ने लगी हैं। जिसके चलते वे डर के साये में जी रहे हैं। लगातार सुरंग निर्माण कार्यों में हो रहे विस्फोटक से गांव के जलस्रोत भी सूख गये हैं।
ग्रामीणों का कहना है कि परियोजना कार्य से निकलने वाले गंदे और जहरीले पानी से उठने वाली दुर्गंध के कारण लोगो का सांस लेना तक दूभर हो गया है। तथा परियोजना से निकलने वाले पानी को पीकर पशु बीमार पड़ रहे है। शिकायत के बावजूद रेलवे और प्रशासन का कोई भी अधिकारी देखने तक नहीं आया है।
शनिवार को काण्डी, रामपुर, मरगुड़ गांव के आक्रोशित ग्रामीणों ने रेल परियोजना का निर्माण कार्य रोक कर रेल परियोजना को जाने वाले मार्ग पर चक्का जाम कर दिया। ग्रामीणों का आरोप है कि इन गांवों में रहने वाले 150 परिवारों के घरों में दरारें आ गयी हैं। जलस्रोत रेलवे द्वारा छोड़ी गई गाद से पट गए हैं। इससे चलने वाली दुर्गंध के कारण लोगो का सांस लेना तक दूभर हो गया है। इसके अलावा रेलवे के कार्य में लगे हुए भारी भरकम वाहनों के कारण सड़कों का भी बुरा हाल हो गया है। आये दिन सड़क पर लोग दुर्घटना का शिकार हो रहे हैं। इन परेशानियों को देखते हुए गुस्साए ग्रामीणों ने शनिवार दोपहर रेलवे की साइट पर काम रोक दिया। वाहनों की आवाजाही भी बाधित कर दी। गुस्साए ग्रामीणों ने मांगे ना माने जाने तक रेलवे के कार्यों को बन्द करने की चेतावनी दी है। ग्रामीणों का कहना है कि घर और बच्चों की चिंता के खातिर वह सड़क मार्ग और परियोजना का काम बाधित करने पर उतर आये हैं। ग्रामीणों ने प्रशासन से गुहार लगाई है कि जल्द से जल्द उनके घर का सुधारीकरण का कार्य किया जाए।
ग्रामीणों ने रेलवे के कार्यों को रोके जाने के कारण मौके पर कोतवाली श्रीनगर से पुलिस फ्रोस, रेलवे विकास निगम के अधिकारी मौके पर पहुंचे। ग्रामीणों से बात करने की कोशिश की गई, लेकिन ग्रामीणों ने किसी की भी नहीं सुनी। ग्रामीण रेलवे साइट को जाने वाली सड़क पर ही धरने पर बेठे गये हैं। रेलवे विकास निगम के प्रबन्धक विनोद विष्ट ने बताया कि ग्रामीणों की शिकायतों को उच्च अधिकारियों तक भेजा गया है। जैसे ही उच्च स्तर से आदेश आएगा उस आधार पर कार्य शुरू कर दिया जायेगा। इस मौके पर जितेंद्र सिंह बिष्ट, पवन बिष्ट, अमन, सुमित, अमीषा, बसंती देवी, विनीता देवी आदि मौजूद रहे।