देहरादून : राजकीय शिक्षक संघ के प्रांतीय नेतृत्व के आवाहन पर रविवार को राजधानी देहरादून में निकाली गई सरकार जागरण रैली में प्रदेश भर से शिक्षकों का हुजूम उमड़ पड़ा। राजकीय शिक्षक संघ से जुड़े विभिन्न जिलों से देहरादून पहुंचे शिक्षकों ने परेड ग्राउंड से घंटाघर, बहल चौक, सुभाष रोड होते हुए वापस परेड ग्राउंड तक सरकार जागरण रैली निकाली। ढोल, दमाऊ और रणसिंगा के साथ रैली में शामिल शिक्षकों ने कहा कि यदि जल्द सभी मांगों पर अमल नहीं हुआ तो इसके विरोध में 16 अक्तूबर को राज्यभर में शिक्षक ब्लॉक और जिला मुख्यालयों में धरना देंगे। राजकीय शिक्षक संघ के प्रांतीय अध्यक्ष राम सिंह चौहान ने कहा, लंबित मांगों को लेकर शिक्षक झूठे आश्वासन से मानने वाले नहीं हैं। शिक्षकों ने सरकार को 30 अक्टूबर तक अल्टीमेटम दिया है। अगर उनकी मांगें नहीं मानी गयी तो तीस अक्टूबर को शिक्षा निदेशालय में एक दिन का धरना दिया जाएगा।
रैली के बाद परेड मैदान में सभा को संबोधित करते हुए प्रदेश अध्यक्ष चौहान, प्रदेश महामंत्री पैन्यूली, राजकुमार चौधरी आदि ने कहा कि शिक्षक कई वर्षोँ से अपनी मांगों को विभिन्न मंचों पर उठा चुके हैं। हर बार केवल वादे ही किए जाते हैं। कार्यवाही नहीं होती। केंद्र और राज्य सरकार के हर महत्वपूर्ण अभियान और योजना को सफल बनाने में शिक्षक की हमेशा अहम भूमिका रहती है।
इसके के बावजूद शिक्षकों की घोर उपेक्षा की जा रही है। अब यह बर्दास्त नहीं होगा। प्रदेश अध्यक्ष चौहान ने कहा कि शिक्षक अब किसी छलावे में नहीं आएंगे। 27 सितंबर को काली पट्टी अभियान के साथ शुरू हुआ चरणबद्ध अभियान का आज दूसरा चरण था। तीसरे चरण में 16 अक्टूबर को प्रदेश के हर जिला मुख्यालय में प्रदर्शन किया जाएगा। 30 अक्टूबर को शिक्षक शिक्षा निदेशालय में एक दिन के धरने पर बैठेंगे। इसके बाद आगे की रणनीति तय कर दी जाएगी।
शिक्षकों की प्रमुख मांगे:
- सहायक अध्यापक एलटी, प्रवक्ता और प्रधानाध्यापक के पदों पर पदोन्नति की जाए
- 5400 ग्रेड पे वाले शिक्षकों को राजपत्रित अधिकारी का दर्जा
- तबादलों की विसंगतियों को तत्काल हल कर राहत दी जाए
- वर्ष 2005 से पहले की विज्ञप्ति से चयनित शिक्षकों को पुरानी पेंशन का लाभ
- शिक्षक शिक्षा संवर्ग की नियमावली बनाकर शीघ्र गठन किया जाएगा
- सभी शिक्षकों को चयन-प्रोन्नत वेतनमान पर एक इंक्रीमेंट के लाभ
- वरिष्ठ एवं कनिष्ठ शिक्षकों की वेतन विसंगति को दूर किया जाए।
- माता-पिता के निधन पर शिक्षक को 15 दिन का विशेष पितृ अवकाश
- अधिक छात्र संख्या वाले इंटर कॉलेज में उप प्रधानाचार्य का पद सृजित किया जाए
- यात्रा अवकाश बहाल किया जाए