दिल्ली में तीन कृषि कानूनों के ख़िलाफ चल रहे किसान आन्दोलन को समर्थन देने के लिए श्रीनगर गढ़वाल से एक सँयुक्त प्रतिनिधि मंडल गाजीपुर और टिकरी बॉर्डर गए। इस प्रतिनिधिमंडल में गढ़वाल विश्वविद्यालय के विश्वविद्यालय प्रतिनिधि और आइसा के राष्ट्रीय सह सचिव अंकित उछोली, पूर्व छात्रसंघ उपाध्यक्ष मंजीत रावत, पूर्व छात्रसंघ सह सचिव और पत्रकार अमन रावत, अधिवक्ता विकास कठैत, श्रीकोट से समाजसेवी केशवानंद खंडूड़ी शामिल रहे।
किसान पिछले एक महीने से सरकार से तीन कृषि कानूनों को वापस लेने की माँग कर रहे है। श्रीनगर से गए प्रतिनिधिमंडल ने भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता व सँयुक्त किसान मोर्चा के राकेश टिकैत से गाजीपुर बॉर्डर पर मुलाकात कर इस आंदोलन में अपना समर्थन जताया व साथ ही सिंघु बॉर्डर पर जाकर समर्थन व आंदोलन के सफल संचालन के लिए सहयोग राशि दी।
इस अवसर पर अंकित उछोली ने कहा कि किसानों की मांगों पर सरकार को जल्द ही कोई निर्णय लेना चाहिए। ताकि किसान वापस अपने घरों को जा सके। मंजीत रावत ने कहा कि केंद्र सरकार एक जिद्द में इन किसानों की माँगों को नही मान रही हैं। सरकार को जिद्द छोड़ कर किसानों की माँगों को मान लेना चाहिए। अमन रावत ने कहा कि ये कानून देश मे किसानों की स्थिति को और खराब करने वाले है। इस लिए किसानों के आंदोलन को सभी लोग समर्थन कर रहे है। सरकार को इस पर जल्द ही कोई निर्णय लेना चाहिए।
अधिवक्ता विकास कठैत ने कहा कि ये किसान पूरे देश के है और सरकार इनके खिलाफ गलत प्रचार कर रही है। सरकार को इस के विपरीत किसानों की मांगों पर सकारात्मक कार्यवाही करनी चाहिए।