राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा ने आज गढ़वाल सांसद तीरथ सिंह रावत से मुलाकात कर पुरानी पेंशन बहाल करने के सम्बंध मे विस्तृत चर्चा की और ज्ञापन दिया। मोर्चा ने सांसद को नई पेंशन योजना से सेवानिवृत्त हो रहे कर्मचारियों की पीड़ा से अवगत कराया। उन्होंने कहा कि आज सेवानिवृत्त हो रहे कर्मचारियों के सम्मुख आर्थिक संकट के साथ साथ सामाजिक अस्तित्व का भी संकट उत्पन्न हो गया है। जहाँ सेवानिवृत्त के माह में वह 80 से 90 हजार रुपये वेतन पा रहा है, वहीं सेवानिवृत्ति के बाद उसे केवल 1000 से 2000 रुपये पेंशन प्राप्त हो रही है।
1 अक्टूबर 2005 के बाद नियुक्त कर्मचारियों को जीपीएफ आधारित पुरानी पेंशन नहीं मिल रही है। जिससे उन्हें अपने पारिवारिक दायित्वों का निर्वहन करने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। बच्चों की उच्च शिक्षा, चिकित्सा, विवाह एवं अन्य जरूरतों को पूरा करने के लिए उन्हें बैंक से लोन या ऋण लेने को मजबूर होना पड़ रहा है। पुरानी पेंशन योजना एक सुलझी हुई योजना थी जिससे कर्मचारी सेवानिवृत्ति के बाद भी इन दायित्वों का निर्वहन बड़ी आसानी से कर लेता था। आज कर्मचारियों का पैसा प्राइवेट शेयर बाजार की योजना में लगाया जा रहा है जिसका भविष्य सुरक्षित नहीं है। और आवश्यकता पड़ने पर जिसे निकालने की कोई स्पष्ट व्यवस्था भी नहीं है।
प्रतिनिधिमंडल ने सांसद को अवगत कराया कि कई राज्यों में पुरानी पेंशन बहाल की जा रही है और कर्मचारियों को जीपीएफ आधारित पुरानी पेंशन का लाभ दिया जा रहा है। उन्होंने सांसद से अनुरोध किया कि आगामी लोकसभा चुनाव से पूर्व प्रधानमंत्री से इस संबंध में बात रखते कर्मचारियों को पुरानी पेंशन का लाभ देने के लिए आग्रह करें।
सांसद ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वस्त किया की हमारी सरकार देश हित एवं कर्मचारी हित में लगातार कार्य कर रही है। उन्होंने भरोसा दिया कि इस बात पर भी हमारे सरकार गंभीरता से विचार कर रही है। मैं अपने माध्यम से प्रधानमंत्री को कर्मचारियों की इस पीड़ा से अवगत कराऊंगा एवं शीघ्र ही पुरानी पेंशन का लाभ कर्मचारियों को मिले इसके लिए पूर्ण प्रयास करूंगा। इस अवसर पर मोर्चा के प्रदेश सचिव सीताराम पोखरियाल, कार्यकारी अध्यक्ष जयदीप रावत, प्रदेश प्रवक्ता डॉ. कमलेश मिश्रा, जिला अधक्ष पौड़ी भवान सिंह नेगी, रेवती डंगवाल, जसपाल सिंह रावत आदि उपस्थित थे।