शंभू नाथ गौतम
संसद के मानसून सत्र में केंद्र सरकार और विपक्ष की तनातनी का असर दिल्ली विधानसभा में भी दिखाई दिया। आम आदमी पार्टी सरकार के बुलाए गए दो दिन के विधानसभा मानसून सत्र के पहले दिन ही भाजपा और आप विधायकों के बीच में जबरदस्त हंगामा हुआ। हंगामे की वजह केंद्र सरकार के दिल्ली में पुलिस कमिश्नर नियुक्त किए राकेश अस्थाना को लेकर रही। बता दें कि राकेश अस्थाना की नियुक्ति को लेकर केजरीवाल सरकार विरोध कर रही है। इसकी चर्चा हम बाद में करेंगे पहले आज केजरीवाल ने उत्तराखंड में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर ‘सियासी इमोशनल कार्ड’ खेला। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल राजधानी दिल्ली से ही देवभूमि के लोगों के लिए ऐसे मुद्दे उठा रहे हैं जिसे भाजपा और कांग्रेस भी इंकार नहीं कर सकती है। कुछ दिनों पहले जब केजरीवाल देहरादून दौरे पर गए थे तब लोगों को ‘मुफ्त बिजली’ देने का एलान कर आए थे। उसके बाद मुख्यमंत्री केजरीवाल ने उत्तराखंड के ‘चिपको आंदोलन के प्रणेता’ स्वर्गीय सुंदरलाल बहुगुणा को भारत रत्न देने की मांग कर डाली।
पिछले दिनों दिल्ली में ही केजरीवाल ने पर्यावरणविद् सुंदर लाल बहुगुणा को भारत रत्न देने की मांग को लेकर पीएम मोदी को पत्र लिखा था और दिल्ली विधानसभा परिसर में बहुगुणा की स्मृति में पौधरोपण कर उनके चित्र का अनावरण किया था। साथ ही स्व. सुंदरलाल बहुगुणा के पुत्र राजीव और प्रदीप बहुगुणा को स्मृति चिन्ह और शॉल भेंटकर सम्मानित किया और परिवार को सम्मान स्वरूप एक लाख का चेक प्रदान किया था। इसके बाद अरविंद केजरीवाल के इस कदम से भाजपा और कांग्रेस के खेमे में हलचल मच गई।
आज दिल्ली विधानसभा में मानसून सत्र के दौरान आम आदमी पार्टी सरकार ने सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित कर केंद्र से प्रख्यात पर्यावरणविद् सुंदरलाल बहुगुणा को मरणोपरांत देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित करने का अनुरोध किया। ‘विधानसभा सत्र के दौरान बहस में हिस्सा लेते हुए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हालांकि सदन इस प्रस्ताव को पारित कर रहा है, लेकिन पूरा देश चाहता है कि बहुगुणा को भारत रत्न दिया जाए’। केजरीवाल ने कहा कि मुझे लगता है कि अगर सर्वोच्च नागरिक सम्मान बहुगुणा को मिलता है तो यह ‘भारत रत्न’ के लिए गौरव की बात होगी। केजरीवाल ने कहा कि बहुगुणा ने न केवल पर्यावरण की रक्षा की बल्कि कई अन्य सामाजिक कार्यों के लिए भी काम किया। विपक्षी भारतीय जनता पार्टी ने भी प्रस्ताव का समर्थन किया। बता दें कि चिपको आंदोलन के प्रणेता और मशहूर पर्यावरणविद् सुंदरलाल बहुगुणा का इसी साल 21 मई को निधन हो गया था।
अब बात करते हैं दिल्ली नियुक्त किए गए नए पुलिस कमिश्नर राकेश अस्थाना की। आप विधायकों ने कहा कि अस्थाना की नियुक्ति सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की अवहेलना है। सुप्रीम कोर्ट के अनुसार जिस व्यक्ति की सेवा कम से 6 महीने बची हो उसे ही पुलिस प्रमुख या डीजीपी के रूप में नियुक्त किया जा सकता है। आप विधायक गुलाब सिंह ने कहा कि राकेश अस्थाना विवादों से घिरी हुई शख्सियत हैं। विधायक ने कहा कि सीबीआई में इनका विवाद किसी से छुपा नहीं हैं। दूसरी ओर भाजपा विधायक रामवीर बिधूड़ी ने सदन में कहा कि ईमानदार, शानदार पुलिस कमिश्नर के बारे में जो कुछ आम आदमी पार्टी के विधायकों ने कहा है, उससे बीजेपी सहमत नहीं है। बिधूड़ी ने कहा कि केजरीवाल सरकार के पास राकेश अस्थाना के बारे में जानकारी का अभाव है। 2001 में उन्हें पुलिस मेडल दिया गया था शानदार सेवाओं के लिए। 2009 में देश में कांग्रेस की सरकार थी, उस समय राकेश अस्थाना को प्रेजिडेंट पुलिस मेडल दिया गया था।
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