5th Schedule in the hilly area of ​​Uttarakhand

उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्र में 5वीं अनुसूची और जनजातीय दर्जा की वापसी की मांग को लेकर रविवार को एक महत्वपूर्ण अधिवेशन का आयोजन हल्द्वानी नगर निगम सभागार में किया गया। इसमें विभिन्न सामाजिक संगठनों, युवा नेताओं, और पहाड़ी समुदाय के सदस्यों ने एकजुट होकर अपने अधिकारों के लिए आवाज उठाई।

अधिवेशन में मुख्य वक्ता इतिहासकार प्रोफेसर अजय सिंह रावत ने कहा गया कि सन 1972 से पहले उत्तराखंड का पर्वतीय क्षेत्र संविधान की 5वीं अनुसूची के अंतर्गत था, देश के ट्राइबल क्षेत्र में शेडय़ूल्ड डिस्ट्रिक्ट एक्ट, 1874 , नान रेगुलेशन एरिया एवं बहिष्कृत क्षेत्र घोषित थे। इन्हीं इलाकों के मूलनिवासियों को आजादी के बाद ट्राइब स्टेटस और 5वीं अनुसूचि या 6वीं अनुसूची घोषित किया। उत्तराखंड में यही ट्राइबल कानून लागू थे उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्र को 5वीं अनुसूचि लगाने के बजाय,1972 में यह कानून पहाड़ियों से छीन लिया।

पहाड़ी आर्मी  के संस्थापक अध्यक्ष हरीश रावत ने इस मुद्दे को गंभीरता से लेने का आह्वान करते हुए कहा कि 5वीं अनुसूची के लिए सड़क से संसद तक लड़ाई लड़नी होगी। मूल अधिकारों की यह मांग प्रवासी भाइयों को घर वापस लाने की मुहिम साबित होगी। क्योंकि पूर्ण रूप से भू कानून, मूलनिवास 1950, परिसीमन, महिला सुरक्षा इस मुद्दे से स्वत: ही हल हो जाएंगे। जिसके लिए पहाड़ को एकजुट करने का काम पहाड़ी आर्मी करेगी।

 

इस दौरान उत्तराखंड युवा एकता मंच के संयोजक पीयूष जोशी ने कहा कि उत्तराखंड की समस्याओं का एकमात्र समाधान 5वीं अनुसूची है पलायन आयोग की जगह सरकार को जल जंगल जमीन बचाने व पहाड़ खाली होने से चीन व नेपाल की नजरे हमारे पहाड़ी क्षेत्रों पर है व अक्साई चीन की तरह यहां विदेशी ताकतों के हस्तक्षेप को रोकने के लिए एक मात्र समाधान पांचवीं अनुसूची है। कार्यक्रम के उत्तराखंड एकता मंच के निशांत रौथान ने कहा कि उत्तराखंड के 80 प्रतिशत लोग मूल रूप से खस जनजाति से हैं । उन्होंने बताया कि हमारा ट्राइबल स्टेटस धीरे-धीरे छीना गया है और इसे वापस प्राप्त करने से ही उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों को बचाया जा सकता है।

उत्तराखंड एकता मंच के राष्ट्रीय कोआर्डिनेटर अनूप बिष्ट ने सभी तथ्यों को पीपीटी के जरिए प्रस्तुत किया और 22 दिसंबर को दिल्ली के जंतर मंतर में होने वाले प्रदर्शन के लिए सभी को आमंत्रित किया। सम्मेलन का संचालन रिंपी बिष्ट ने किया।

इस दौरान एडवोकेट डी के जोशी,कार्यक्रम के कोआर्डिनेटर संजय राठौर, बेरोजगार संघ के कुमाऊं  संयोजक भूपेंद्र कोरंगा, मोहन कांडपाल,बृजेश बिष्ट, पंकज बिष्ट, हिमांशु शर्मा, कमल चंद्र पांडेय, हरिमोहन ‘मोहन’, जगमोहन रौतेला, सरोज आनंद जोशी, बसंत पांडे, डा. श्याम सिंह रावत, हेमंत पाठक, कमल सुनाल, शान्ति जीना, हेमा कबड़वाल, कल्पना रावत, तन्नू बिष्ट, योगिता बनौला, कपिल शाह, रविन्द्र जोशी, विनोद नेगी, कमलेश जेठी, डूंगर सिंह, प्रेम प्रकाश मटियाली, गौरव गोस्वामी, विनीत कबडवाल आदि सैकड़ों लोग मौजूद रहे।