Devastation due to heavy rains in Uttarakhand

उत्तराखंड में तीन दिन से बारिश, भूस्खलन से बुरा हाल है। राज्य के कई जिलों में हालात बद से बदतर हो गए हैं। ‌‌उत्तराखंड के कई शहरों में लगातार बारिश, बादल फटने और अचानक आई बाढ़ की वजह से तबाही मची हुई है। कई रास्ते बंद है, आवाजाही पर सरकार ने रोक लगा दी है। मंगलवार को कुमाऊं मंडल में बारिश और भूस्खलन से हालात बिगड़ गए हैं। जिससे जानमाल के साथ भारी नुकसान हुआ है। राहत बचाव कार्य जारी है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, स्वास्थ्य मंत्री धनसिंह रावत और प्रदेश के पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार मौके पर डटे हुए हैं। ‘अल्मोड़ा, नैनीताल, रामनगर, हल्द्वानी, मुक्तेश्वर, काठगोदाम रुद्रपुर समेत आसपास के क्षेत्रों में सड़कों पर पानी ही पानी नजर आ रहा है’।

सबसे बुरा हाल नैनीताल में है। यहां स्थित झील से पानी सड़कों पर बह रहा है। कई घरों में पानी घुस गया है। डीजीपी अशोक कुमार ने बताया कि रामनगर-रानीखेत मार्ग स्थित लेमन ट्री रिसॉर्ट में फंसे करीब 200 लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया है। लगातार बारिश से अब तक 25 लोगों की मौत हो चुकी है। अकेले नैनीताल जनपद में 18 लोगों की मौत हो गई है। जबकि 5 लोग लापता हैं तथा 2 घायल हैं। नैनीताल जिले के भवाली तहसील के रामगढ़ गांव में मकान ढहने से नौ लोगों की मौत हो गई। जबकि एक की हालत गंभीर बताई जा रही है।

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वही अल्मोड़ा जनपद में तीन लोगों की मौत हुई है जबकि एक व्यक्ति लापता है। इसके अलावा चम्पावत जिले के तिलवाड़ा गांव के एक घर में मलबा घुसने से एक व्यक्ति की मौत हो गई है जबकि 2 लोग लापता है तथा 2 लोग घायल हैं। उधमसिंह नगर में एक व्यक्ति के बहने की सूचना है। इसके अलावा कल पौड़ी गढ़वाल के लैंसडाउन क्षेत्र में 3 मजदूरों की मलबे में दबने से मौत हो गई थी।

कोसी नदी में पानी बढ़ने से रामनगर के गर्जिया मंदिर को खतरा पैदा हो गया। पानी मंदिर की सीढ़ियों तक पहुंच गया है। वहीं बैराज के सभी फाटक खोल दिए गए हैं। कोसी बैराज पर कोसी नदी का जलस्तर 139000 क्यूसेक है। जो खतरे के निशान से काफी ऊपर है। कोसी बैराज में खतरे का निशान 80000 क्यूसेक है। नैनीताल में भारी बारिश से कई जगह पानी भर गया है। वहीं, तल्लीताल चौराहे में दरार पड़ गई। सूचना मिलते ही एसडीएम और सीओ मौके पर पहुंच गए। कैंट रोड में पानी का बहाव बहुत तेज होने के कारण दुकानों के अंदर फंसे लोगों को सेना के जवानों ने रेस्क्यू कर निकाला। मंगलवार सुबह नैनीताल जिले के रामगढ़ में धारी तहसील में दोषापानी और तिशापानी में बादल फट गया। डीएम धीराज गर्ब्याल ने बताया कि नैनीताल की ओर वाहनों की आवाजाही पूरी तरह रोक दी गई है। झील किनारे रह रहे सभी लोगों को अलर्ट किया गया है। संबंधित अधिकारी राहत कार्य में जुटे हैं। शहर के तीनों मार्गों को खुलवाने के लिए जेसीबी भेजी गई है। नैनीताल के रामनगर में आर्मी के हेलिकॉप्टर की मदद से सुंदरखाल गांव में फंसे दो दर्जन से ज्यादा ग्रामीणों को सुरक्षित रेस्क्यू किया गया। ग्रामीण पिछले 48 घंटों से नदी के बीचों बीच फंसे हुए थे। सभी गांव वालों को सुरक्षित रेस्क्यू किया गया । उन्होंने कहा कि कई जगहों पर घर, पुल टूटे हैं।

मुख्यमंत्री धामी आपदाग्रस्त क्षेत्रों के निरीक्षण के लिए नैनीताल जनपद रवाना

बारिश के बाद उपजे हालातों का जायजा लेने के लिए उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी आपदाग्रस्त क्षेत्रों के निरीक्षण के लिए नैनीताल जिले के लिये रवाना हो गए हैं। इससे पहले सीएम पुष्कर सिंह धामी ने अतिवृष्टि प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण कर स्थिति का जायजा लिया। उनके साथ आपदा प्रबंधन मंत्री डॉ धनसिंह रावत व डीजीपी अशोक कुमार भी साथ थे। बाद में रुद्रप्रयाग में सीएम ने जिलाधिकारी रुद्रप्रयाग से जिले की स्थिति व यात्रा की जानकारी ली।

सीएम पुष्कर सिंह धामी ने बताया कि उन्होंने पीएम मोदी और गृहमंत्री अमित शाह को उत्तराखंड के ताजा हालातों के बारे में जानकारी दे दी है। धामी ने कहा कि सभी लोगों से अनुरोध है कि इस स्थिति में धैर्य बनाकर रखें। हम हर संभव मदद करने के लिए तैयार हैं। प्रधानमंत्री ने प्रदेश को हर आवश्यक सहयोग दिये जाने के प्रति आश्वस्त किया। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को वस्तुस्थिति की जानकारी देते हुए कहा कि प्रदेश में कुछ स्थानों पर नुकसान हुआ है। शासन प्रशासन पूरी तरह अलर्ट है।

दूसरी ओर उधम सिंह नगर में भारी बारिश के कारण जलस्तर में बढ़ोतरी के चलते नानक सागर बांध के सभी गेट खोल दिए गए हैं। भारी बारिश को देखते हुए कई ट्रेनें रद कर दी गई है।