International Mother Language Day : धाद संस्था द्वारा आगामी 21 फरवरी को अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस पर उत्तराखण्ड की भाषाओं के आंदोलन की उपलब्धियों और लक्ष्यों पर केंद्रित मातृभाषा सप्ताह का आयोजन किया जायेगा। आयोजन की सूचना धाद मातृभाषा एकांष के संयोजक वीरेंद्र पंवार और सचिव शिवदयाल शैलज द्वारा दी गयी। उन्होंने बताया कि हर वर्ष आयोजित होने वाले मात्रभाषा आयोजन की इस वर्ष की थीम नई पीढ़ी को उनकी मातृभाषा से जोड़ना है। आयोजन का सूत्रवाक्य दिया गया है अपनी भाषा को नई पीढ़ी तक पहुंचाएं
सभी स्कूलों में यहां की भाषाएं पढ़ाएं
आयोजन की जानकारी देते हुये धाद मातृभाषा एकांष के सचिव शिव दयाल शैलज ने बताया कि 21 फरवरी मातृभाषा दिवस पर श्रीनगर गढ़वाल में उत्तराखण्ड की भाषाओं के चार दशक की उपलब्धियों पर विमर्श और कविता पाठ के साथ प्रारम्भ होगा। भाषा सप्ताह में ऑनलाइन कथा, गजल और व्याकरण पर विभिन्न विषय विशेषज्ञ के साथ विमर्श आयोजित होंगे। सप्ताह का समापन 26 फरवरी को देहरादून में गढ़वाली नाटक “इंसक्पेक्टर नेगी चले चांद पर” के मंचन और उत्तराखंडी भोज कल्यो फूड फेस्टिवल के साथ होगा। प्रदेश की प्रतिष्ठित विवाह वेबसाइट माँगल डॉट कॉम आयोजन की सहयोगी है।
मातृभाषा एकाँश के संयोजक वीरेंद्र पंवार ने बताया कि धाद ने उत्त्तराखण्ड की भाषाओं के पक्ष में 1987 से पत्रिका के प्रकाशन और उत्तराखण्ड की भाषाओं को लेकर मूल समाज में जागृति लाने और अपनी भाषाओं को बचाने के लिए एक व्यापक सामाजिक अभियान आरंभ किया।
यूनेस्को द्वारा मातृभाषा दिवस 21 फरवरी की घोषणा के बाद धाद वर्ष 2010 से हर वर्ष उत्तराखंड की मातृभाषाओं को दुनिया की तमाम छोटी भाषाओं की चिंता से जोड़ते हुए हर वर्ष यह आयोजन करती है। उन्होंने बताया कि इस बार का आयोजन नई पीढ़ी को उनकी दूधबोली से जोड़ने की चुनौतीयों पर केंद्रित रहेगा। इसके साथ भाषा के विभिन्न सवालों पर राज्य सरकार को मांग पत्र सौंपा जाएगा।