आखिरकार उत्तराखंड शासन में अपर सचिव रामविलास यादव को धामी सरकार ने सस्पेंड कर दिया है। कई दिनों से चर्चाएं थी कि उन पर कार्रवाई की जा सकती है। आइएएस रामविलास यादव 2019 में उत्तर प्रदेश से उत्तराखंड आए थे। उन पर उत्तर प्रदेश में आय से अधिक संपत्ति के मामले में विजिलेंस जांच चल रही थी। उत्तर प्रदेश ने यह जांच उत्तराखंड ट्रांसफर कर दी थी। इस पर यहां शासन ने नौ जनवरी 2019 को उनके खिलाफ विजिलेंस में खुली जांच के आदेश दिए थे। बुधवार को मुख्यमंत्री पुष्कर धामी के अनुमोदन के बाद सचिव कार्मिक शैलेश बगोली ने आईएएस रामविलास यादव के सस्पेंड करने के आदेश किए हैं।
बता दें कि इसी महीने 11 जून को रामविलास यादव के गाजीपुर, गाजियाबाद और देहरादून समेत कई ठिकानों पर छापेमारी की थी। यूपी में तैनात रहे उत्तराखंड काडर के आईएएस रामविलास यादव पूर्व की सपा सरकार के काफी करीब कहे जाते थे। रामविलास पूर्व में सचिव एलडीए और एडिशन डायरेक्टर मंडी परिषद रह चुके हैं। उन्होंने लखनऊ में कई महत्वपूर्ण पदों पर काम किया है।
यूपी में जब भाजपा की सरकार आई तो उन्होंने अपनी तैनाती उत्तराखंड करा ली थी। मगर यूपी की योगी सरकार को उनकी अनियमितताओं के बारे में जानकारी मिल गई। इसके बाद उत्तर प्रदेश शासन ने ही उत्तराखंड में आईएएस अधिकारी के खिलाफ जांच कराने के लिए कहा है। रामविलास इस समय ग्राम विकास विभाग उत्तराखंड में सचिव के पद पर कार्यरत हैं।