पौड़ी: देश के कोने-कोने में रह रहे लोगों तक व्यापक स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा आयुष्मान भवः अभियान चलाया जा रहा है। आयुष्मान भव: कार्यक्रम की शुरुआत 17 सितंबर से हुई है। इस कैंपेन के तहत आम लोगों को स्वास्थ्य समस्याओं के प्रति जागरुक किया जा रहा है और सरकारी योजनाओं के बारे में बताया जा रहा है।आयुष्मान भव अभियान के तहत उत्तराखंड के पौड़ी जिले के अलग-अलग स्थानों पर साप्ताहिक स्वास्थ्य मेले का आयोजन किया जा रहा है। जिसके तहत जिले में 144 हैल्थ एंड वैलनेश सेंटर के साथ ही 49 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों के माध्यम से 1832 लोगों की ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, ओरल कैंसर जांच, टी.बी. हाइपरटेंशन, डेगूं, मलेरिया, कुष्ठ रोग आदि की जांच के साथ ही दवाइयों का वितरण किया गया।

अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. रमेश कुंवर ने मीडिया को बताया कि हेल्थ मेले के दौरान लाभार्थियों की आभा आईडी व आयुष्मान कार्ड बनाए गए। आयुष्मान भव अभियान के तहत शत-प्रतिशत लोगों की आभा आईडी बनाने के लिए जनपद स्तर से ग्राम पंचायत स्तर तक विशेष अभियान चलाया जा रहा है।

स्वास्थ्य विभाग की ओर से जनपद में तैनात समस्त एएनएम, आशा कार्यकर्ती, आरबीएसके टीम, और सीएचओ द्वारा लोगों का आभा पोर्टल पर पंजीकरण किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि भारत सरकार द्वारा निर्धारित 5 इन्डिकेटर को पूरा कर जिले के पाबौ ब्लॉक से ग्राम ढौरखोली व पीपलधार का आयुष्मान ग्राम के लिए चयन किया गया है। साप्ताहिक स्वास्थ्य मेलों के माध्यम से जिले में लोगों को स्वास्थ्य लाभ प्रदान करने के साथ ही शत-प्रतिशत आयुष्मान कार्ड आभा व आईडी बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं।

क्या है आयुष्मान भव अभियान?

प्रधानमंत्री मोदी के जन्मदिन पर 17 सितंबर से आयुष्मान भव: कार्यक्रम की शुरुआत हुई है। इस कैंपेन के तहत आम लोगों को स्वास्थ्य समस्याओं के प्रति जागरुक किया जा रहा है और सरकारी योजनाओं के बारे में बताया जा रहा है। इस कैंपेन की मदद से देशभर में 35 करोड़ लोगों तक लाभ पहुंचाने की कोशिश है। लोगों को 5 लाख रुपये तक के मुफ्त इलाज की सुविधा उनके आयुष्मान कार्ड के जरिए मिली है। आयुष्मान भारत योजना स्कीम के तहत लोगों को 5 लाख रुपये तक के मुफ्त इलाज की सुविधा मिलती है। आयुष्मान भव कैपेंस के तहत सरकार की इन स्वास्थ्य सेवाओं को प्रमोट किया जा रहा है। अधिक से अधिक लोगों को आयुष्मान योजना को पहुंचाने की कोशिश की जा रही है।