Digital addiction is also a type of addiction

आज के समय में लोगों में बढ़ती समस्याओं जैसे-अवसाद, चिड़चिड़ापन, क्रोध, मानसिक तनाव, मोटापा, आँखों की समस्या, याददाश्त में कमी, आलस, पर्याप्त नींद न ले पाना आदि ये सभी नशे के दुष्परिणाम हैं।

समाज में हम अभी तक सिर्फ मादक पदार्थों के नशे से ही लड़ रहे थे कि अब एक और नशा डिजिटल एडिक्शन  के रूप में तेजी से बच्चों को जकड़ता जा रहा है। इस दौरान ये पाया गया कि ऑनलाइन डिजिटल एक एडिक्शन के रूप में हम अपने नन्हें-नन्हें बच्चों को परोस रहे हैं। लगातार टेक्‍नोलॉजी के प्रयोग से लोगों में स्‍ट्रेस बढ़ रहा है, लोग 24 घंटे अपडेट रहना चाहते हैं। लोग हर दो मिनट पर अपना फोन उठाकर चेक कर रहे हैं, जिससे दिमाग हर वक्‍त फोन को लेकर अलर्ट रहता है।  हम सोते जागते मोबाइल का प्रयोग कर रहे हैं, ऑनलाइन गेम में घंटों समय बर्बाद हो जा रहा है। मोबाइल की वजह से ना तो हम समय पर सो पा रहे हैं और ना ही समय पर उठ पाते हैं। सोशल मीडिया पर हर वक्‍त समय गुजारने की वजह से लोगों में गुस्‍सा, डिप्रेशन की शिकायत भी बढ़ी है।

मोबाइल, लैपटॉप आदि पर बढ़ती अत्यधिक निर्भरता के कारण अगले 15-20 वर्षों में आने वाली पीढ़ी अनेक गंभीर रोगों से ग्रस्त हो जाएगी जिसे संभालना हमारे लिए मुश्किल होगा।

जब इसके बारे में स्कूलों से बात की गई तो पर्यावरण संरक्षण को लेकर पेपर बचाने की दलील दी गई। परंतु एक गंभीर समस्या से निपटने के लिए दूसरी गंभीर समस्या को जन्म देना कहां तक उचित है? ठीक उसी तरह जैसे आज प्लास्टिक एक अभिशाप बन गया है। पहले प्लास्टिक एक सुविधा के रूप में आया और आज हम उसके आदी हो गए हैं। हम सबको जल्दी ही इस विषय पर विचार करने की जरूरत है।

माउंटेन पीपुल फाउंडेशन की अध्यक्ष, शिक्षिका एवं समाजसेवी सरोज पंत नशा उन्मूलन के साथ-साथ डिजिटल एडिक्शन को लेकर भी लोगों को लगातार जागरूक करती रहती है। उन्होंने बताया कि माउंटेन पीपुल फाउंडेशन वर्षों से हिमालय और मैदानी क्षेत्रों दिल्ली-एनसीआर, उत्तर प्रदेश एवं उत्तराखंड के साथ साथ अन्य प्रदेशों में भी ‘मादक पदार्थों के सेवन से मुक्ति’ के विषय में  प्रिवेंटिव जागरूकता अभियान चला रहा है। संस्था ‘नशा-मुक्त भारत’ के प्रति कृत संकल्प है और इस दिशा में निरंतर कार्यरत है। होमियोपैथिक पद्धति, काउंसलिंग, योग, ध्यान, नुक्कड़ नाटक एवं स्वास्थ्य शिविरों के द्वारा ‘मादक पदार्थों से मुक्त’ एवं ‘डिजिटल एडिक्शन जागरूकता मुहिम’ विभिन्न संस्थानों के साथ मिल कर चला रही है।