GHURDAURI ENGINEERING COLLEGE

पौड़ी : जीबी पंत इंजीनियरिंग कॉलेज घुड़दौड़ी की असिस्टेंट प्रोफेसर मनीषा भट्ट की आत्महत्या के मामले में शासन द्वारा संस्थान के निदेशक डॉ. वाई सिंह और विभागाध्यक्ष एके गौतम पर कार्रवाई की गई है। इस मामले में निदेशक और विभागाध्यक्ष को सरकारी कर्मचारी आचरण नियमावली 2002 का प्रथम दृष्टया दोषी मानते हुए दोनों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ है। विधिक जांच चलने तक यह प्रभावित न हो इसे देखते हुए निदेशक डा.वाई सिंह को विपिन त्रिपाठी कुमाऊं प्रौद्योगिक संस्थान द्वाराहाट अल्मोड़ा व एके गौतम को नन्हीं परी सीमांत प्रौद्योगिकी संस्थान पिथौरागढ़ से संबद्ध किया गया है।

बता दें कि इंजीनियरिंग कॉलेज घुड़दौड़ी की असिस्टेंट प्रोफेसर मनीषा ने बीती 25 मई को श्रीनगर के नैथाना झूला पुल से नदी में छलांग लगा दी थी हालाँकि उस समय उन्हें एन स्थानीय युवक और पुलिस द्वारा नदी से निकालकर श्रीनगर बेस अस्पताल में भर्ती करा दिया गया था। जहाँ उपचार के दौरान महिला की मौत हो गई थी। जिसके बाद मृतका के पति संदीप भट्ट ने पुलिस को तहरीर देकर संस्थान के निदेशक डा.वाई सिंह और विभागाध्यक्ष ईसीई विभाग डॉ एके गौतम पर मानसिक उत्पीड़न किए जाने का आरोप लगाया था। जिसके बाद दिवंगत अ. प्रो. मनीषा के पति की शिकायत के आधार पर डीएम ने जो रिपोर्ट शासन को भेजी है, उसमें दोनों अधिकारियों पर कई आरोप लगाए गए हैं।

रिपोर्ट में कहा गया है, मनीषा भट्ट की अप्रैल 2019 में स्थाई नियुक्ति हुई थी। मनीषा की नियुक्ति के बाद से ही उनका मानसिक उत्पीड़न शुरू कर दिया गया था। यहां तक कि उन्हें गर्भावस्था के दौरान भी छुट्टी के लिए परेशान किया गया। उन्हें बार-बार यह कहा जा रहा था कि प्रसव अवकाश तभी मंजूर होगा, जब वह वैकल्पिक प्रोफेसर की व्यवस्था कराएंगी। अवकाश न मिलने पर मनीषा ने आकस्मिक अवकाश लिया। इस बीच उन्होंने एक बेटी को जन्म दिया, लेकिन उसकी भी मौत हो गई।

इस सदमे से उबर कर गत 12 मई को मनीषा ने संस्थान में उपस्थिति दर्ज कराई। कॉलेज पहुंचने पर उन्हें पता चला कि विभागाध्यक्ष ने उपस्थिति रजिस्टर से उनका नाम हटा दिया है। यहीं नहीं, आरोप है कि पदोन्नति के मामले में भी विभागाध्यक्ष ने कई बार के अनुरोध के बावजूद मनीषा की पदोन्नति की पत्रावली को आगे नहीं बढ़ाया गया। महिला को प्रताड़ित और अपमानित करने के साथ ही उनसे अश्लील शब्दों कहे गए। इस पर महिला ने अलकनंदा में कूदकर आत्महत्या कर ली। इन सबसे परेशान होकर मनीषा गत 25 मई को श्रीनगर नैथाणा झूल पुल से अलकनंदा नदी में कूद गईं। उन्हें अस्पताल पहुंचाया गया, जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।

पुलिस की छानबीन जारी

असिस्टेंट प्रोफेसर की आत्महत्या मामले में पुलिस की छानबीन रविवार को भी जारी रही। एसएसपी पौड़ी श्वेता चौबे ने बताया कि टीम संस्थान में दस्तावेज के साथ ही सीसीटीवी कैमरों को खंगाल रही है। इस मामले की जांच के लिए सीओ की अगुवाई में चार सदस्यीय टीम गठित की गई है। रविवार को पुलिस टीम ने घंटों तक संस्थान में जांच करते हुए साक्ष्यों को जुटाया। इससे पूर्व भी शनिवार को फोरेसिंक टीम के साथ पुलिस ने मामले से जुडे़ सभी साक्ष्यों को जुटाया था। कॉलेज में मृतक असिस्टेंट प्रोफेसर का कमरा भी सील कर दिया गया था।

इस मामले में प्रो. वाई सिंह और प्रो. एके गौतम ने सभी आरोपों को बेबुनियाद बताया। उन्होंने कहा, मनीषा ने पारिवारिक कारणों से आत्महत्या की है। प्रकरण से ध्यान हटाने के लिए आरोप लगाए जा रहे हैं। फॉरेंसिक टीम को सभी दस्तावेज सौंप दिए हैं।

वरिष्ठ प्रोफेसर बीएन काला ने लिया कार्यवाहक प्रभारी निदेशक का चार्ज

वरिष्ठ प्रोफेसर बीएन काला ने रविवार को कार्यवाहक प्रभारी निदेशक का चार्ज ले लिया है। बीते शनिवार को तकनीकी शिक्षा सचिव रविनाथ रमन ने डीएम के पत्र का हवाला देते हुए संस्थान के निदेशक डा.वाई सिंह को बिपिन त्रिपाठी कुमाऊं प्रौद्योगिकी संस्थान, द्वारहाट, अल्मोड़ा संबंद्ध कर दिया था। शासन ने प्रो. बीएन काला को तत्काल प्रभाव से प्रभारी निदेशक का चार्ज लेने के निर्देश दिए थे। जिसके बाद रविवार को प्रो.काला ने कार्यवाहक प्रभारी निदेशक का चार्ज ग्रहण किया।