Dr. Govind Chatak Smriti Award given to Narendra Singh Negi

श्रीनगर गढ़वाल : आखर चैरिटेबल ट्रस्ट,श्रीनगर गढ़वाल द्वारा डॉ. गोविन्द चातक की जयन्ती के उपलक्ष्य पर विगत वर्षों की भांति इस वर्ष भी 18 दिसम्बर 2022 (रविवार) को नगर पालिका सभागार में ‘डॉ.गोविन्द चातक स्मृति व्याख्यान माला ‘ एवं डॉ. गोविन्द चातक स्मृति आखर साहित्य सम्मान ‘ कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में सुप्रसिद्ध लोकगायक गढ़रत्न नरेन्द्र सिंह नेगी को अपनी कालजयी रचनाओं से ‘गढ़वाली भाषा’ एवं ‘गढ़वाली गीत साहित्य’ में अमूल्य योगदान देने हेतु  ‘डॉ.गोविन्द चातक स्मृति आखर साहित्य सम्मान, वर्ष -2021’प्रदान किया गया।

इस अवसर पर उन्हें सम्मान स्वरूप ग्यारह हजार रुपये की धनराशि के साथ अंग वस्त्र, मानपत्र एवं ‘आखर  विशेष स्मृति चिन्ह ‘भेंट किया गया। ग्यारह हजार रुपए की सम्मान राशि डॉ.चातक के परिवार की ओर से दी गई। गढ़रत्न नरेन्द्र सिंह नेगी ने यह सम्मान राशि ‘आखर ट्रस्ट’ को ट्रस्ट के संचालन हेतु दान कर दी।

उल्लेखनीय है कि गढ़रत्न नरेन्द्र सिंह नेगी की कालजयी गढ़वाली गीतों की चार पुस्तकें प्रकाशित हैं। गढ़वाली काव्य गोष्ठीयों में भी नेगी की हमेशा सक्रिय, महत्वपूर्ण एवं अग्रणीय भूमिका रहती है। उनके गीतों ने गढ़वाली भाषा के लिए मानक और एक मातृभाषा आंदोलन का काम किया है।

गौरतलब है कि ‘आखर ‘श्रीनगर गढ़वाल द्वारा वर्ष 19 दिसम्बर 2017 में लोकसाहित्य के मूर्धन्य साहित्यकार डॉ. गोविन्द चातक की स्मृति में उनकी जयन्ती पर एक सफल विचार गोष्ठी और परिचर्चा का आयोजन शुरू  किया गया था।  सभी भाषा एवं  साहित्य प्रेमीजनों की शुभकामनाओं से गढ़वाली लोक साहित्य एवं भाषा के क्षेत्र में स्व. डॉ. गोविन्द चातक के भगीरथ योगदान से प्रेरणा लेकर वर्ष -2018 से डॉ.गोविन्द चातक जयन्ती के अवसर पर आखर समिति, श्रीनगर गढ़वाल द्वारा ‘डॉ.गोविन्द चातक स्मृति व्याख्यान’ आयोजन के साथ-साथ चातक परिवार के सहयोग से  ‘डॉ.गोविन्द चातक स्मृति आखर साहित्य सम्मान ‘ शुरू किया  गया था। तब से निरंतर  ‘आखर ‘ द्वारा यह सम्मान प्रदान किया जा रहा है। ज्ञातव्य है कि ‘आखर’ अब ‘आखर चैरिटेबल ट्रस्ट ‘के रूप में अस्तित्व में है ।

कार्यक्रम में  ‘डॉ. गोविन्द चातक स्मृति व्याख्यान ‘ के अंतर्गत वक्ताओं ने लोक साहित्य एवं गढ़वाली भाषा-साहित्य में डॉ.गोविन्द चातक के योगदान को चिरस्मरणीय एवं अतुलनीय बताया। साथ ही विस्तारपूर्वक  उनके जीवन, व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर बात रखी गई। साथ ही कहा कि – ‘आखर’ द्वारा डॉ. चातक जैसी विभूतियों को याद किया जाना और इस तरह के कार्यक्रम आयोजित किया जाना प्रशंसनीय कार्य है।

मुख्य अतिथि सुप्रसिद्ध लोक संस्कृति कर्मी, रंगकर्मी प्रो. डीआर पुरोहित ने कहा कि ‘डॉ. चातक ने यहां के लोक साहित्य के  संरक्षण में अपना महत्वपूर्ण  योगदान दिया है।आज लोक संस्कृति के लिए ऐसे ही और शोध कार्य किए जाने की आवश्यकता है।’

कार्यक्रम अध्यक्ष वरिष्ठ साहित्यकार एवं शिक्षाविद डॉ. विष्णु दत्त कुकरेती ने कहा कि -‘डॉ. चातक की जयन्ती के अवसर पर उन पर केन्द्रित ‘आखर ‘ द्वारा हर वर्ष जो कार्यक्रम आयोजित किया जाता है वह एक सराहनीय कार्य है। डॉ. चातक , नरेन्द्र सिंह नेगी एवं प्रो. डी. आर. पुरोहित जैसे बिभूतियों से आज की पीढ़ी को सीख लेने की आवश्यकता है।’

विशिष्ट अतिथि एवं लोक साहित्य की गहरी समझ रखने वाले प्रो. सम्पूर्ण सिंह रावत ने कहा कि -‘डॉ.चातक ने यहाँ के सम्पूर्ण लोक साहित्य को लिपिबद्ध करने का एक महत्वपूर्ण कार्य किया। हिंदी साहित्य में भी उनका  महत्वपूर्ण योगदान है।’

इस अवसर पर नरेन्द्र सिंह नेगी ने कहा कि – ‘गढ़वाली भाषा  के सम्बर्धन हेतु आज बहुत प्रयास हो रहे हैं। गढ़वाली भाषा-साहित्य में आज बहुत लेखक काम कर रहे हैं। पाठ्यक्रम में भी अब गढ़वाली भाषा-साहित्य को रखा जाने लगा है तो यह गढ़वाली भाषा के लिए एक सुखद बात है।साथ ही कहा कि- डॉ.चातक ने यहां के लोक साहित्य के  संरक्षण में अपना महत्वपूर्ण  एवं अविस्मरणीय योगदान दिया ।साथ ही कहा कि – ‘आखर ट्रस्ट ‘ का इस ओर प्रयास सराहनीय है। यह सम्मान महत्वपूर्ण है क्यूंकि इस सम्मान के साथ एक लोक साहित्य ऋषि डॉ. चातक का नाम है।डॉ. चातक द्वारा संग्रहित लोक साहित्य से बहुत मैंने कुछ सीखा।’ जो आजकल के गढ़वाली के नए गायक हैं  उनको बेहतर कवियों एवं गीतकारों से अच्छे गीत लेकर गाना चाहिए।

कार्यक्रम की शुरुआत लोक परम्परानुसार ‘जौ’ से भरे हुए ‘पाथे’  में दीप प्रज्वलन, डॉ.गोविन्द चातक के चित्र पर माल्यार्पण /पुष्पांजलि एवं  ट्रस्ट की सदस्य – श्रीमती साक्षी रावत एवं बीरा चौहान द्वारा मांगल गीत की प्रस्तुति से हुई। मंचासीन अतिथियों का स्वागत माल्यार्पण, बुके देकर किया गया। कार्यक्रम की गरिमा बढ़ा रहे उपस्थित सभी अथितियों का स्वागत ट्रस्ट के  संस्थापक एवं अध्यक्ष संदीप रावत ने किया साथ ही ‘आखर ‘ का परिचय सभी के सम्मुख रखा।

कार्यक्रम का संचालन ट्रस्ट के उपाध्यक्ष डॉ. नागेंद्र रावत ने किया। ट्रस्ट की सदस्य श्रीमती अनीता काला  ने डॉ.गोविन्द चातक का जीवन परिचय सामने रखा । ट्रस्ट की कोषाध्यक्ष श्रीमती रेखा  चमोली ने श्रद्धेय नेगी  के सम्मान ने  सम्मान पत्र का वाचन किया।

ट्रस्ट के अध्यक्ष संदीप रावत ने सम्मानित विभूति नरेन्द्र सिंह नेगी के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर विस्तार से बात रखते हुए कहा कि नेगी जी ने अपने कालजयी गीतों के माध्यम से गढवाली भाषा को एक नया आयाम दिया और  इसे विश्व पटल पर पहचान दिलायी। श्रद्धेय नेगी ने हमेशा मुझ जैसे नए लेखकों को सदैव प्रेरित एवं प्रोत्साहित किया। हिमालय जैसे विराट व्यक्तित्व के बावजूद भी सहज एवं सरल श्रद्धेय नेगी को सम्मानित करके ‘आखर’ आज स्वयं सम्मानित हुआ है और गौरवान्वित हुआ है।’

साथ ही संदीप रावत ने कहा कि -इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य उत्तराखण्ड की महान विभूति डॉ.गोविन्द चातक की जयन्ती के अवसर पर गढ़वाली भाषा -साहित्य एवं लोक साहित्य में उनके योगदान से सभी को परिचित करवाने के साथ  जो  यहाँ के वरिष्ठ साहित्यकार हैं और जो गढ़वाली भाषा -साहित्य में अपना अमूल्य योगदान दे रहे हैं, डॉ.चातक जैसे साहित्य साधक हैं उनका परिचय सभी के सम्मुख रखना एवं  ट्रस्ट द्वारा हर वर्ष ‘डॉ. गोविन्द चातक स्मृति आखर साहित्य सम्मान ‘से ऐसी एक विभूति को सम्मानित करना है। आखर चैरिटेबल ट्रस्ट बहुत गम्भीरता से इस दिशा में काम करने का प्रयास कर रहा है।

इस अवसर पर  डॉ.गोविन्द चातक के  परिवार की ओर से उनके पौत्र  एवं डॉ.गोविन्द चातक की सुपुत्री श्रीमती सुजाता कण्डारी बिष्ट के सुपुत्र  सौरभ बिष्ट जी, विशिष्ट अतिथि के रूप में सम्मानित विभूति नेगी की धर्मपत्नी श्रीमती ऊषा नेगी,अथिति प्रसिद्ध मंच संचालक एवं गढ़वाली पत्रिका ‘धाद ‘ के सम्पादक गणेश खुगसाल ‘गणी  की उपस्थिति के साथ कार्यक्रम में सम्मानित मीडिया जगत, श्रीनगर की सम्भ्रांत जनता उपस्थित थी ।

घंटाकर्ण देवता के रावल दिनेश जोशी, भरत सिंह कंडारी, दर्शन सिंह भंडारी, डॉ. अरुण कुकसाल, प्रसिद्ध समाज सेवी अनिल स्वामी, अजीम प्रेमजी फाउंडेसन के डॉ.प्रदीप अंथवाल, प्रसिद्ध रंगकर्मी विमल बहुगुणा, गढ़ कवि देवेंद्र उनियाल, श्रीमती बिमला राणा, श्रीमती गंगा असनोड़ा थपलियाल, श्रीमती उपासना कर्नाटक, शम्भू प्रसाद स्नेहिल, मुकेश काला, गंभीर सिंह रौतेला, श्रीनगर व्यापार सभा अध्यक्ष दिनेश असवाल, वासुदेव कंडारी, दिनेश पटवाल, जीतेन्द्र धीरवान, डॉ.गोविन्द चातक के गाँव से रघुबीर सिंह कंडारी, महेन्द्र बंगवाल, डॉ. नीतेश बोंठियाल, पौड़ी से डॉ. नीलम नेगी एवं श्रीमती लक्ष्मी पंवार, राजेंद्र रावत, सबधारखाल पौड़ी से श्रीमती लक्ष्मी बिष्ट, श्रीमती रश्मि रतूड़ी, आखर के वरिष्ठ सदस्य देवेश्वर प्रसाद खंडूरी, डॉ. गिरीश चन्द्र भट्ट, नन्दकिशोर नैथानी, डॉ. अशोक कुमार बडोनी, विभोर बहुगुणा, महेंद्र सिंह नेगी, प्रभाकर बाबुलकर, श्रीमती संध्या नौटियाल डिमरी, वन्दना नेगी, रेखा पटवाल, श्रीमती सायिनी कृष्ण उनियाल,श्रीमती मीना डोभाल, श्रीमती संगीता पंवार, श्रीमती ज्योति जैन मेवाड़, सतीश काला, डांग व्यापार सभा अध्यक्ष सौरभ पाण्डेय, श्रीमती अंशी कमल, श्रीमती ज्योति रावत, देहरादून से आखर के ट्रस्टी विक्रम रावत एवं गोविन्द मेहता, ट्रस्टी श्रीमती बविता थपलियाल, ट्रस्ट की मुख्य ट्रस्टी श्रीमती लक्ष्मी रावत,  ट्रस्ट की कोषाध्यक्ष श्रीमती रेखा चमोली, सदस्य- श्रीमती साक्षी रावत, श्रीमती अनीता काला, श्रीमती बीरा चौहान, मयंक पंवार, कु. प्रियंका पंवार, कु. अर्चना बिष्ट, कुलदीप मेवाड़, कु. श्वेता पंवार, कु. अर्चना बिष्ट, शिक्षक -शिक्षिकाओं, साहित्यिक एवं सामाजिक सरोकारों से जुड़े व्यक्तियों की उपस्थिति में कार्यक्रम एवं सम्मान समारोह सम्पन्न हुआ।