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नई दिल्ली : भारत को कोरोना के खिलाफ जंग में एक और हथियार मिल गया है। रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) के वैज्ञानिकों ने गहन रिसर्च तथा कड़ी मेहनत के बाद आखिरकार कोरोना दवा तैयार कर ली है। केंद्रीय स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री डॉ। हर्षवर्धन ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ DRDO के वैज्ञानिकों द्वारा बनाई 2-DG दवा को आज लॉन्‍च किया। इस खास मौके पर स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री ने बताया कि जो मरीज ज्‍यादा गंभीर हैं उन्‍हें ये दवा नहीं दी जाएगी लेकिन जिनके अंदर कोरोना का संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है उन्‍हें ये दवा आज से देनी शुरू कर दी जाएगी। 2-DG दवा की 10 हजार खुराक की पहली खेप आज लॉन्च की गई है। अगले एक-दो दिनों में यह मरीजों को मिलने लग जाएगी। इस दवा को डॉ रेड्डी लेबोरेटरी की मदद से तैयार किया गया है। हैदराबाद की डॉक्टर रेड्डीज लैब में इसकी 10 हजार डोज़ बनकर तैयार हो गई है। DRDO के अधिकारियों ने बताया कि ये दवा मरीजों की जल्द रिकवरी में मदद करती है और उनकी ऑक्सीजन पर निर्भरता को भी काफी कम कर देती है। दवा निर्माता भविष्य में इसके उपयोग के लिए दवा के उत्पादन में तेजी लाने पर काम कर रहे हैं। दवा डॉक्टर अनंत नारायण भट्ट के साथ वैज्ञानिकों की एक टीम ने बनाई है।

क्या 2-DG दवा ऑक्सीजन पर निर्भरता को कम करेगी?

रक्षा मंत्रालय का कहना है कि कोविड-19 की चल रही दूसरी लहर की वजह से बड़ी संख्या में मरीजों को ऑक्सीजन और अस्पताल में भर्ती कराने की जरूरत पड़ रही है। ये दवा ऑक्सीजन की निर्भरता को कम करने में सहायक होगी।

कैसे लेना होगा 2-DG दवा को?

इस दवा का नाम 2-डीऑक्‍स‍ि-डी-ग्लूकोज (2-DG) है। DRDO की यह दवा ऐसे समय में आई है जब कोरोना की तीसरी लहर की बात हो रही है। यह दवा एक सैशे के रूप में उपलब्धि होगी। जैसे आप ORS को पानी में घोलकर पीते हैं, वैसे ही इसे भी पानी में मिलाकर ले सकेंगे। यह दवा दिन में दो बार लेनी होगी। कोविड-19 मरीजों को पूरी तरह ठीक होने के लिए 5 से 7 दिन तक यह दवा देनी पड़ सकती है।

किन मरीजों को दी जाएगी यह दवा?

यह दवा कोरोना के सामान्य से गंभीर मरीजों को दी जा सकती है। 2-डीऑक्सी-डी-ग्लूकोज दवा मरीजों को तेजी से ठीक होने में मदद करेगी और ऑक्सीजन पर निर्भरता को कम करेगी।

कोविड-19 के खिलाफ कैसे काम करती है 2DG दवा ?

  • 2डीजी असल में 2डीजी अणु का एक परिवर्तित रूप है जिससे ट्यूमर, कैंसर कोशिकाओं का इलाज होता है।
  • ट्रायल में पता चला कि 2DG कोविड मरीजों के इलाज में तो कारगर है ही, हॉस्पिटल में एडमिट मरीजों की ऑक्सिजन पर निर्भरता को भी कम करती है।
  • फिलहाल इस दवा को सेकेंडरी मेडिसिन की तरह यूज करने की परमिशन दी गई है। यानी यह प्राइमरी मेडिसिंस के सपोर्ट में यूज की जाएगी।
  • यह दवा काफी हद तक ग्‍लूकोज जैसी है, मगर ग्‍लूकोज नहीं है।
  • वायरस शरीर में पहुंचते ही अपनी कॉपीज बनाना शुरू कर देता है, इसके लिए उसे ताकत चाहिए होती है जो ग्‍लूकोज से मिलती है।
  • जब यह दवा दी जाएगी तो वायरस इस ग्‍लूकोज एनालॉग को लेगा और उसी में फंस जाएगा।
  • नतीजा ये होगा कि वायरस अपनी कॉपीज नहीं बना पाएगा यानी उसकी ग्रोथ रुक जाएगी।

2DG की डोज की क्या कीमत रखी गई है?

कीमत को लेकर अभी कुछ नहीं कहा गया है। डॉ. चंदना के अनुसार, इस बारे में कोई फैसला डॉ. रेड्डीज लैबोरेटरी ही करेगी। हालांकि उन्होंकने यह जरूरी कहा कि दवा किफायती हो, इसका ध्या न रखा जाएगा। सूत्रों के मुताबिक, एक सैशे की कीमत 500 से 600 रुपये के बीच हो सकती है।

2DG दवा कब उपलब्धता

 यह दवा 17 मई को लॉन्चक होते ही आम जनता के लिए उपलब्ध हो गई है। इसका उत्पाडदन तेजी से बढ़ाया जा रहा है ताकि ज्याचदा से ज्याीदा मरीजों तक इसकी पहुंच हो सके।

क्या कोई साइड इफेक्ट्स भी हैं?

साइड इफेक्ट्स के बारे में डॉ. चंदना ने मीडिया को बताया कि ट्रायल के दौरान, सामान्यन और गंभीर मरीजों को यह दवा दी गई। सभी मरीजों को इस दवा से फायदा ही हुआ, किसी पर कोई प्रतिकूल प्रभाव देखने को नहीं मिला। उनके मुताबिक, यह कहा जा सकता है कि इस दवा का कोई साइड इफेक्ट नहीं है।