Rishikesh news: देश में ड्रोन का विस्तार बड़ी तेजी से हो रहा है। ड्रोन की मदद से स्वास्थ्य सेवाओं में भी अब नई क्रांति की शुरुआत होने जा रही है। उत्तराखंड के दुर्गम पहाड़ी क्षेत्रों में अब ड्रोन के जरिए दवाएं भेजने का शुभारंभ हो चुका है। ड्रोन के जरिए ऋषिकेश एम्स से दवा टिहरी पहुंचाई जा रही है। ऋषिकेश एम्स ऐसा करने वाला देश का पहला एम्स बन चुका है। गुरुवार को एम्स ऋषिकेश से टिहरी स्थित जिला चिकित्सालय दवा पहुंचाकर इसका सफल ट्रायल किया गया। देश का यह पहला एम्स है जो इस तकनीक का उपयोग कर जरूरतमंदों तक आवश्यक दवा पहुंचाएगा।
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, एम्स ऋषिकेश ने बृहस्पतिवार को मेडिकल के क्षेत्र में नया कीर्तिमान स्थापित कर ड्रोन द्वारा दवा पहुंचाने में सफलता हासिल की है। इस ट्रायल द्वारा टीबी के मरीजों हेतु टिहरी जिला चिकित्सालय में दवा भेजी गई। एम्स ऋषिकेश के हेलीपैड से टिहरी तक 36 किलोमीटर। की यह हवाई दूरी ड्रोन ने 29 मिनट में पूरी की।
एम्स ऋषिकेश से टीबी के मरीजों को ड्रोन से दवा भेजने का यह ट्रायल पूर्णतः सफल रहा। ड्रोन से दवा भेजने की शुरुआत करने वाला एम्स ऋषिकेश अब देश का पहला एम्स संस्थान बन गया है। इस मौके पर एम्स की कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर( डॉ. )मीनू सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विजन के अनुरूप टीबी मुक्त भारत अभियान को सफल बनाने में यह सुविधा विशेष लाभदायक सिद्ध होगी।
उन्होंने कहा कि उत्तराखंड विषम भौगोलिक परिस्थितियों वाला राज्य है। पहाड़ के दूर-दराज के इलाकों में रहने वाले बीमार लोगों तक इस माध्यम से दवा पहुंचाकर उनका समय रहते इलाज शुरू किया जा सकता है। इसके अलावा इस सुविधा से आपात स्थिति में फंसे लोगों तक भी तत्काल दवा अथवा इलाज से संबन्धित मेडिकल उपकरण पहुंचाए जा सकेंगे।
संस्थान की कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर (डॉ.) मीनू सिंह ने बताया कि चारधाम यात्रा के दौरान तीर्थयात्रियों के घायल हो जाने अथवा गंभीर बीमार हो जाने की स्थिति में, उच्च हिमालयी क्षेत्रों में फंसे जरूरतमंदों तक दवा पहुंचाने तथा दूरस्थ क्षेत्रों से एम्स तक आवश्यक सैंपल लाने में इस तकनीक का विशेष लाभ मिलेगा। इसके अलावा आंखों की कार्निया के प्रत्यारोपण की प्रक्रिया में भी इस तकनीक का उपयोग कर समय की बचत की जा सकेगी।
उल्लेखनीय है चारधाम यात्रा के दौरान ऑक्सीजन की कमी के चलते कई तीर्थयात्रियों को तत्काल दवा अथवा मेडिकल उपकरणों की आवश्यकता पड़ जाती है। इसके अलावा पैदल यात्रा के दौरान कई लोग हार्ट अटैक, ब्रेन स्ट्रोक तथा अन्य स्वास्थ्य कारणों के चलते गंभीर रूप से बीमार हो जाते हैं। ऐसे में एम्स ऋषिकेश की यह सुविधा उन्हें तत्काल दवा पहुंचाने में कारगर सिद्ध हो सकती है।
इस अवसर पर चिकित्सा अधीक्षक प्रो. संजीव कुमार मित्तल, उप निदेशक (प्रशासन) ले. कर्नल एआर मुखर्जी, रेडिएशन ऑन्कोलॉजी विभागाध्यक्ष प्रो. मनोज गुप्ता, रजिस्ट्रार राजीव चौधरी, विधि अधिकारी प्रदीप चन्द्र पाण्डेय, प्रशासनिक अधिकारी गौरव बडोला, संस्थान के जनसंपर्क अधिकारी हरीश मोहन थपलियाल, माइक्रोबायलॉजी विभाग के डा. जितेन्द्र गैरोला, फार्मोकोलॉजी विभाग के डॉक्टर विनोद के अलावा गुड़गांव स्थित टेकेग्ल इनोवेशन कंपनी के अधिकारी गौरव आसुधानी और विश्वास कपूर आदि मौजूद रहे।
एम्स के हेलीपैड से टिहरी के बौराड़ी स्थित जिला चिकित्सालय तक पहुंचने में सड़क मार्ग से लगभग 3 घंटे का समय लगता है। ड्रोन ने यह दूरी 29 मिनट में पूरी की है। एम्स से दवा लेकर ड्रोन पूर्वाह्न 10 बजकर 44 मिनट पर उड़ा था और 11 बजकर 14 मिनट पर टिहरी में लैंड हुआ। वापिसी में इसने टिहरी जिला चिकित्सालय से 11 बजकर 44 मिनट पर उड़ान भरी और यह 12 बजकर 15 मिनट पर एम्स में हेलीपैड पर सकुशल लैंड हो गया। प्रति घंटा 120 किमी की गति से उड़ने वाले यह ड्रोन 3 किलोग्राम भार ले जा सकता है। ड्रोन का अपना वजन 16।5 किलोग्राम है जबकि एम्स से जिला चिकित्सालय की हवाई दूरी लगभग 36 किमी है।
हेल्थ मिनिस्टर ने शेयर किया वीडियो
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने भी इसका वीडियो शेयर किया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने वीडियो शेयर करते हुए लिखा, “ड्रोन का उपयोग कर स्वास्थ्य सेवा वितरण में क्रांतिकारी बदलाव! ऋषिकेश एम्स में ड्रोन आधारित सफल परीक्षण किया गया। एम्स हेलीपैड से जिला अस्पताल टिहरी गढ़वाल तक टीबी रोधी दवाओं के परिवहन के लिए 40 किमी की हवाई दूरी 30 मिनट में तय कर पहाड़ी इलाकों तक आसानी से पहुंचा जा सकता है।”
Revolutionizing Healthcare Delivery Using Drones!
Successful drone-based trial conducted at @aiimsrishi for transporting anti-TB drugs from AIIMS Helipad to District Hospital Tehri Garhwal.
40 km aerial distance covered within 30 minutes, reaching hilly regions conveniently. pic.twitter.com/SW9gWBjBnt
— Dr Mansukh Mandaviya (@mansukhmandviya) February 16, 2023