Eight month old baby stolen from home in Haridwar recovered safely

उत्तराखंड के हरिद्वार में ज्वालापुर स्थित कड़क मोहल्ले से शनिवार को चोरी हुए 8 महीने के बच्चे शिवांग को पुलिस ने 36 घंटे के भीतर सकुशल बरामद कर लिया है। इस मामले में पुलिस ने एक पुरुष व 6 महिलाओं सहित 7 आरोपियों को एडवांस पेमेंट के ₹50,000 के साथ गिरफ्तार किया।

पुलिस के मुताबिक आरोपियों ने बच्चे को ढाई लाख रुपए में बेच दिया था। एडवांस के तौर पर 50 हजार रुपए भी ले लिए थे। लेकिन, इससे पहले पत्रकार के पास एक फोन कॉल की बदौलत सभी आरोपी पुलिस के हत्थे चढ़ गए।

रविवार दोपहर एसएसपी अजय सिंह को स्थानीय पत्रकार नरेश तोमर ने सूचना दी कि उनके पास एक महिला का फोन आया है, जो बच्चे के बारे में जानकारी देना चाहती है। उन्होंने एसएसपी को यह भी बताया कि बच्चा उस महिला के पास ही है। जिसके बाद एसएसपी ने तत्काल रोड़ी बेलवाला चौकी प्रभारी को पुलिस फोर्स के साथ भारत माता मंदिर के पास स्थित एक चाय की दुकान पर भेजा। जहां से पुलिस ने न केवल बच्चा बरामद किया, बल्कि एक पुरुष व 6 महिलाओं को भी गिरफ्तार कर लिया है।

पूछताछ में सामने आया कि अपहरण की घटना में मां-बेटी सहित कुल सात लोगों को गिरफ्तार किया गया है। बच्चे को ढाई लाख रुपए में बेचा जा रहा था। एडवांस के तौर पर 50 हजार रुपए भी ले भी लिए गए थे। बच्चा खरीदने वाले हरिद्वार के व्यापारी को भी गिरफ्तार कर लिया गया है।

पुलिस के मुताबिक प्रिटिंग मशीन रिपेयरिंग करने वाले रविंद्र मोहल्ला कड़च्छ में रहते हैं। रविंद्र शनिवार सुबह 9:30 बजे अपने काम पर चला गया। घर पर उनकी पत्नी राखी, पांच साल की बेटी दिव्या और आठ माह का बेटा शिवांग था। शिवांग के सोने के बाद राखी ने उसे बिस्तर में लिटा दिया। जबकि पांच वर्षीय बेटी दिव्या कमरे में ही खेल रही थी।

राखी घर का काम करने लगी। इसी बीच पीली धोती, जैकेट और सिर पर पगड़ी पहने वेशधारी साधु घर के दरवाजे पर पहुंचा। राखी ने उसे पांच रुपये दिए और वह चला गया। बाहर का दरवाजा बिना कुंडा लगाए बंद कर दिया और खुद छत पर कपड़े डालने चली गई। कुछ देर बाद बेटी दिव्या छत पर जाने लगी। इसी दौरान पड़ोस में रहने वाली एक महिला भी आई और उनके बेटे के बारे में पूछा। राखी कमरे के अंदर गई तो शिवांग गायब था। उसके पैरों तले जमीन खिसक गई। बच्चा चोरी की सूचना चारों तरफ फैल गई।

परिजनों का आरोप था कि पीली धोती पहने बाबा के आने के बाद ही बच्चा गायब हुआ है। इस सूचना के आधार पर पुलिस ने बाबा के हूलिए से मिलते-जुलते लोगों को तलाश करना शुरू किया। इस बीच पुलिस के हाथ एक सीसीटीवी फुटेज भी लगा। सीसीटीवी फुटेज में एक पुरुष और एक महिला इतने ही छोटे बच्चे को गोद में बैठाकर ले जाते हुए नजर आ रहे थे। पुलिस ने शनि दान मांगने वालों के साथ-साथ अब सीसीटीवी फुटेज में दिख रहे इन महिला और पुरुष की सरगर्मी से तलाश कर रही थी। इसके साथ ही एसएसपी अजय सिंह ने पीड़ित के घर पहुंचकर जानकारी जुटाते हुए जल्द बरामदगी का भरोसा दिलाया था।

पुलिस ने रविंद्र और राखी के पड़ोस में रहने वाली सुषमा पत्नी वीरेंद्र, आंगनबाड़ी वर्कर रुबी पत्नी अमित निवासी सीतापुर और सुषमा की समधन अनीता पत्नी सोम प्रकाश, उसकी मुंह बोली बेटी किरन, आशा पत्नी मनोज निवासीगण कड़च्छ और संजय एवं उसकी पत्नी को गिरफ्तार किया है। उनके कब्जे से बच्चा सकुशल बरामद किया गया है। उनके बीच ढाई लाख रुपए में बच्चा लेने की डील हुई थी। 50 हजार रुपए एडवांस दिए गए थे। किरन, सुषमा और अनीता ने मिलकर बच्चे का अपहरण किया था। आशा और रुबी के माध्यम से संजय को बच्चा सौंपा गया था।