श्रीनगर गढ़वाल: अगर किसी की आंख का कॉर्निया तिरछा हो औरउसे देखने में दिक्कतें आ रही हों, तो इसका इलाज अब बेस चिकित्सालय श्रीनगर में भी संभव है। आजकल कई लोगों की आँखों में बचपन से ही भेंगापन (स्क्विंट squint) होता है या किसी कारण उन्हें इस समस्या से जूझना पड़ता है। जिसके चलते इस समस्या के कारण बातचीत के दौरान भी संकोच करना पड़ता है, किंतु श्रीनगर मेडिकल कॉलेज के बेस चिकित्सालय में भेंगापन का सफल इलाज शुरु हो गया है। नेत्र रोग विभाग के एचओडी एवं वरिष्ठ नेत्र सर्जन डॉ. युसूफ रिजवी की टीम ने एक महिला के आंख की तिरछी कॉर्निया को ऑपरेशन के जरिए सीधा कर महिला की 55 साल पुरानी समस्या से निजात दिलाया है।
खंडाह श्रीकोट श्रीनगर की महिला ने कराई स्क्विंट सर्जरी
नेत्र रोग विभाग के एचओडी डॉ. रिजवी ने बताया कि खंडाह श्रीकोट श्रीनगर क्षेत्र की 55 वर्षीय विमला देवी पत्नी सुंदर लाल ओपीडी में आंख के तिरछेपन और ना दिखने की समस्या लेकर आई थी, जिसका परीक्षण कर पाया कि महिला की एक आंख में भेंगापन (स्क्विंट squint) की समस्या है। महिला को ऑपरेशन के लिए बोला गया, तो विमला देवी ऑपरेशन की राजी हुई और ऑपरेशन के बाद विमला देवी की 55 साल से पुरानी यह समस्या हल हो पायी। डॉ. रिजवी ने बताया कि आँखों के रोशनी जितना ही ज़रूरी उसका साफ़ देख पाना भी होता है। उसी तरह कई लोगों की आँखों में बचपन से ही भेंगापन होता है या किसी कारण उन्हें इस समस्या से परेशान रहना पड़ता है, परंतु इस तरह की समस्या पर किसको भी संकोच नहीं होना चाहिए, क्योंकि इसका इलाज संभव है। इस तरह के मरीज मेडिकल कॉलेज के बेस चिकित्सालय के नेत्र रोग विभाग में पहुंचकर इलाज करा सकते है। डॉ. रिजवी के साथ टीम में पीजी जेआर डॉ.दिनेश, डॉ. गरिमा, डॉ. रंगकाई सहित नर्सिंग स्टाफ मौजूद थे। नेत्र रोग विभाग के इस कार्य पर प्राचार्य डॉ सीएमएस रावत व चिकित्सा अधीक्षक डॉ अजेय विक्रम सिंह ने पहली बार भेंगापन की बीमारी को ऑपरेशन से ठीक कर नेत्र रोग विभाग की पूरी टीम को बधाई दी। कहा कि वर्तमान में नेत्र रोग विभाग मे चार वरिष्ठ फैकल्टी के साथ चार पीजी ( 3 वर्षीय एम.एस.) छात्र भी अध्ययनरत है।
–भेंगापन (स्क्विंट squint) के लक्षण
डॉ. रिजवी ने बताया कि भेंगापन के लक्षण में देखने में मुश्किल होता है, ऑंखें क्रॉस दिशा में दिखना, तिरछी आँखें होना, दोहरी दृष्टि होना, आखों का एक साथ न घूम पाना सहित कई लक्षण हो सकते है। ऐसी समस्या के लिए नेत्र रोग विभाग में रेटिना की जाँच, कॉर्नियल लाइट रिफ्लेक्स की जाँच की जाती है। जिसके बाद भेंगापन (स्क्विंट squint) सर्जरी होती है।