jangli mushroom

Poisonous Mushroom: उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों में बरसात के मौसम में जंगली मशरूम काफी मात्रा में पाई जाती है। गांवों में कई लोग इन दिनों जंगल से मशरूम लेकर आते हैं और उसकी सब्जी बनाकर खाते हैं। पहाड़ों में जंगली मशरूम आज से नहीं बल्कि सदियों से खाई जाती रही है। परन्तु सभी तरह की मशरूम खाने लायक नहीं होती है, इसमें से कुछ मशरूम जहरीली भी होती है। जिसको खाने के बाद इंसान की मौत हो जाती है। अतः यह पहचान होनी बेहद जरुरी है कि जंगल की कौन सी मशरूम खाने लायक होती है और कौन सी जहरीली। बगैर जानकारी के जंगली मशरूम खाने से कई बार दुखद घटनायें सुनने को मिलती हैं।

ऐसी ही एक दुखद घटना टिहरी गढ़वाल के प्रतापनगर ब्लॉक के ग्राम पंचायत खोलगढ से आई है। बताया जा रहा है कि यहाँ जहरीली मशरूम खाने से पिता-पुत्री की मौत हो गई। इस घटना में बाद पूरे क्षेत्र में मातम छा गया। जानकारी के मुताबिक बीते मंगलवार को ग्राम पंचायत खोलगढ के चमन सिंह (47 वर्ष) तथा उनकी 13 वर्षीय पुत्री ने जंगली मशरूम खा लिया था। जिससे वह गंभीर रूप से बीमार हो गए थे। उपचार कराने के बाद घर लौटी लड़की की बुधवार को मौत हो गई। जबकि देहरादून अस्पताल में भर्ती चमन सिंह ने शुक्रवार को दम तोड़ दिया। गनीमत रही कि परिवार के अन्य सदस्यों ने जहरीले मशरूम की सब्जी नहीं खाई।

खोलगढ़ के क्षेत्र पंचायत सदस्य पुरुषोत्तम पंवार ने बताया कि टैक्सी चालक गांव के चमन सिंह (47) पुत्र पूरण सिंह ने प्रतापनगर से अपने घर जाते समय जंगली मशरूम तोड़कर घर ले गया। उसी रात उसने अपनी पुत्री आशा (13) के साथ मशरूम की सब्जी बनाकर खाई। सुबह पिता-पुत्री को उल्टी-दस्त होने लगे। वह उपचार के लिए सीएचसी प्रतापनगर पहुंचे। जहां डाक्टर ने उसे प्राथमिक उपचार देकर घर भेज दिया। लेकिन फिर से दोनों की तबीयत बिगड़ने पर दोनों इलाज के लिए ऋषिकेश गए। वहां एक निजी अस्पताल में इलाज के बाद आशा के स्वास्थ्य में सुधार होने पर डाक्टर ने उसे छुट्टी दे दी। जिससे वह घर लौट गई। लेकिन बुधवार को फिर से बालिका की तबियत बिगड़ने पर उसकी मौत हो गई।

क्षेत्र पंचायत सदस्य पुरुषोत्तम, मोर सिंह पंवार और गजेंद्र पंवार ने बताया कि देहरादून में उपचार के दौरान शुक्रवार को चमन सिंह ने भी दम तोड़ दिया। पिता-पुत्री की मौत से क्षेत्र में शोक की लहर दौड गयी। इस दुखद घटना पर प्रतापनगर के पूर्व विधायक विक्रम सिंह नेगी, ब्लाक प्रमुख प्रदीप रमोला, उदय रावत, भान सिंह नेगी, युद्धवीर राणा, रोशन रांगड़ ने आदि ने घटना पर दुख जताया है। इस बारे में प्रतापनगर पीएचसी के चिकित्सा प्रभारी डा. कुलभूषण त्यागी ने बताया कि बीते रविवार को पिता-पुत्री ने उल्टी-दस्त होने की शिकायत की थी। उपचार के बाद दोनों के स्वास्थ्य में सुधार होने पर उन्हें छुट्टी दे दी गई थी। हालाँकि उन्होंने जंगली मशरूम खाने के बारे में कोई जानकारी नहीं दी।