उत्तराखंड के जोशीमठ में भू-धंसाव से दहशत बनी हुई है। जोशीमठ में मकानों में दरारें बढ़ती जा रही है। भवनों, दुकानों, सड़कों आदि में आ रही दरारों से यहां के लोगों डर का माहौल बना हुआ है। वहीं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार देर शाम देहरादून में आपदा प्रबंधन से जुड़े अधिकारियों के साथ मीटिंग की थी। इस मीटिंग में सीएम धामी ने जोशीमठ में दो होटलों को गिराए जाने के आदेश दिए। राज्य सरकार के आदेश के बाद दोनों होटलों को गिराए जाने की तैयारी शुरू हो गई है।
बता दें कि जोशीमठ में दो होटल मलारी इन और होटल माउंट व्यू गिराने की प्रक्रिया शुरू हो गई है । एसडीआरएफ के कमांडेंट मणिकांत मिश्रा ने कहा कि टीम ने होटल मालारी इन गिराने का फैसला किया है। सबसे पहले ऊपरी हिस्सा गिराया जाएगा। दोनों होटल एक-दूसरे के काफी करीब आ चुके हैं। इनके आसपास मकान हैं, इसलिए इन्हें गिराना जरूरी है। होटल और ज्यादा धंसे तो गिर जाएंगे। दोनों 5-6 मंजिला होटल हैं। इन्हें गिराने का काम सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट की निगरानी में होगा। मलारी होटल को तोड़ने की प्रकिया शुरू कर दी गई है। होटल के आसपास से बिजली की तारें हटाई जा रही हैं।
वहीं ध्वस्तीकरण की कार्रवाई को लेकर कुछ लोगों में रोष भी देखा जा रहा है। कहना है कि पहले इन दोनों होटलों का मूल्यांकन होना चाहिए। उसके बाद ही होटल का ध्वस्तीकरण होना चाहिए। वहीं दूसरी ओर रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट आर्मी कैंप का निरीक्षण करने के बाद प्रभावित लोगों से मिले। उन्होंने लोगों को भरोसा दिलाया कि केंद्र और राज्य सरकार इस प्राकृतिक आपदा से लोगों को निकालने में हर संभव मदद करेगी। जोशीमठ शहर में असुरक्षित भवनों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। अब तक कुल 678 भवन चिह्नित किए जा चुके हैं। जोशीमठ में भू-धंसाव के कारण प्रभावित हुए लोग को सरकार के स्तर से सुरक्षित स्थानों पर विस्थापित किया जा रहा है।
स्वास्थ्य विभाग नें भी प्रभावित परिवारों के स्वास्थ्य व चिकित्सा की दृष्टि से एहतियाती कदम उठाए हैं। बता दें कि जोशीमठ मामले में स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने सुप्रीम कोर्ट में तत्काल सुनवाई की अपील की थी लेकिन आज सुप्रीम कोर्ट ने तुरंत सुनवाई से साफ इनकार कर दिया है। वहीं दूसरी ओर पतंजलि के मुखिया बाबा रामदेव ने जोशीमठ के लिए आज दो ट्रक राहत सामग्री को रवाना किया है।