Anti-Copying Law: उत्तराखंड में नकल विरोधी कानून के तहत पहला मुकदमा दर्ज हो चुका है। उत्तरकाशी जिले में लेखपाल-पटवारी भर्ती परीक्षा को लेकर भ्रामक जानकारी प्रसारित करने के आरोप में परीक्षा में शामिल एक अभ्यर्थी समेत कुछ अज्ञात व्यक्तियों व न्यूज पोर्टल संचालकों के विरुद्ध नकलरोधी कानून के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक उत्तरकाशी जिले में 12 फरवरी को संपन्न हुई लेखपाल-पटवारी भर्ती परीक्षा के दौरान बड़कोट निवासी अरुण कुमार, अन्य साथियो एवं कुछ न्यूज़ पोर्टल द्वारा राजकीय पॉलिटेक्निक कॉलेज लदाड़ी, उत्तरकाशी में प्रश्न पत्र संबंधी भ्रामक विडियो सोशल मीडिया पर प्रसारित किया गया था। नए नकल विरोधी कानून के तहत झूठी व भ्रामक सूचना भी दंड के दायरे में आ गई है।
पुलिस के अनुसार परीक्षा के दौरान इस मामले की जानकारी मिलते संबंधित कक्ष निरीक्षक एवं अन्य अधिकारियों, आयोग प्रतिनिधियों द्वारा उक्त छात्र के संदेह को दूर किया गया, जिस पर छात्र ने संतुष्टि प्रकट की थी, तत्पश्चात स्थिति स्पष्ट करने के लिए एवं वीडियोग्राफी आदि चैक करने को लेकर उपजिलाधिकारी भटवाडी द्वारा भी छात्र से संपर्क किया गया परंतु बार बार संपर्क करने के बाद भी उक्त छात्र उपस्थित नही हुआ, जिससे स्पष्ट है उक्त छात्र, उसके साथियों एवं संबंधित न्यूज़ पोर्टल ने यह कृत्य दुर्भावना से ग्रासित होकर किया है।
जिसके बाद इस मामले में परीक्षा केंद्र व्यवस्थापक और राजकीय पालीटेक्निक लदाड़ी (उत्तरकाशी) के प्रधानाचार्य प्रदीप चमोली ने आरोपित अभ्यर्थी के विरुद्ध उत्तरकाशी कोतवाली में तहरीर दी। तहरीर में बताया गया कि पालीटेक्निक में बनाए गए परीक्षा केंद्र में अभ्यर्थी अरुण कुमार निवासी बड़कोट ने प्रश्नपत्र की सील खुली होने का आरोप लगाते हुए कक्ष प्रभारी से शिकायत की थी। उसका कहना था कि प्रश्नपत्र में लगी तीन सील में से दो पहले से खुली हुई थीं। इस पर जिलाधिकारी अभिषेक रुहेला मौके पर पहुंचे और राज्य लोक सेवा आयोग के प्रतिनिधि को वहां बुलाकर मामले से अवगत कराया।
अधिकारियों ने प्रश्नपत्र में तीसरी सील सुरक्षित होने के चलते अभ्यर्थी की शिकायत को निर्मूल मानते हुए कहा कि प्रश्नपत्र की गोपनीयता पूरी तरह संरक्षित है। उस समय अभ्यर्थी भी अधिकारियों के तर्क से संतुष्ट हो गया। लेकिन, परीक्षा संपन्न होने के बाद उसने अपने कुछ साथियों के साथ मिलकर एक वीडियो बनाया।
वीडियो में उसने प्रश्नपत्र को लेकर भ्रामक बातें कहीं और वीडियो को इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित कर दिया। वीडियो वायरल होने पर देर रात परीक्षा केंद्र व्यवस्थापक ने कोतवाली में इसकी शिकायत की, जिसके बाद मुकदमा दर्ज किया गया।
कोतवाली निरीक्षक दिनेश कुमार ने बताया कि परीक्षार्थी अरुण, उसके कुछ अज्ञात साथियों और कुछ न्यूज पोर्टल संचालकों के विरुद्ध उत्तराखंड प्रतियोगी परीक्षा (भर्ती में अनुचित साधनों की रोकथाम व निवारण के उपाय) अध्यादेश 2023 के अंतर्गत मुकदमा दर्ज किया गया है।
पुलिस का कहना है कि कुछ लोगों द्वारा उक्त प्रकरण से सम्बंधित वीडियो को सोशल मीडिया पर प्रसारित किया गया है, जो कि पूर्णतय गलत है। कृपया गलत जानकारी/सूचनाओं से बचें। अन्यथा आपके खिलाफ भी कड़ी कानूनी कार्रवाई हो सकती है।