कल्जीखाल : पौड़ी गढ़वाल के विकासखंड कल्जीखाल की असवालस्यूं पट्टी के अन्तर्गत मुंडनेश्वर में 6-7 जून को लगने वाला पौराणिक एवं ऐतिहासिक खैरालिंग मेला कोरोना महामारी के चलते लगातार दूसरे साल भी आयोजित नहीं हो पाया। पिछले वर्ष की बात करें तो पिछले वर्ष मेला पूर्ण रूप से स्थगित किया गया था यानी मंदिर में ध्वजारोहण भी नहीं हो पाया था। हालाँकि इस वर्ष मेले के पहले दिन यानी आज राजस्व प्रशासन की मौजूदगी में ग्राम थैर एवं ग्राम सकनोली से आई दो ध्वजायें (धजा) खैरालिंग महादेव मंदिर में शांतिपूर्ण ढंग से चढ़ाई गई। जिसमें प्रशासन द्वारा दोनों गांवों को 10-10 लोगों की अनुमति प्रदान की गई थी।
इस अवसर पर मन्दिर समिति के अध्यक्ष बलवंत सिंह नेगी, ज्येष्ठ उपप्रमुख अनिल नेगी, छात्र नेता मंजीत रावत, ग्राम मिर्चोड़ा से रतन सिंह असवाल, जिला पंचायत सदस्य संजय डबराल, सकनोली के प्रधान रोशन लाल, पत्रकार जगमोहन डांगी के अलावा प्रशासन की ओर से 12 राजस्व उपनिरिक्षकों की टीम मौजूद रही।
हमारे संवाददाता जगमोहन डांगी ने खैरालिंग मेला स्थल से यह जानकारी दी। उन्होंने कोरोना महामारी के चलते स्थगित हुए खैरालिंग मेले को लेकर स्थानीय लोगों से बात की। इस संबंध में उन्हें स्थानीय गाँव सांगुड़ा (मोतीबाग) निवासी विद्यादत शर्मा से जानकारी मिली कि एक बार वर्ष 1951 में जब गढ़वाल में हैजा नामक बीमारी (महामारी) आई थी तो उस साल भी खैरालिंग का कौथिग नहीं हो पाया था। और उसके बाद 2020 में आई कोरोना महामारी के चलते लगातार दूसरे साल मेला आयोजित नहीं हो पाया है।