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देशभर में फैली कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर अब शहरों से गांवों की ओर पलायन कर रहे प्रवासियों के साथ ग्रामीण क्षेत्रों में भी पहुँच चुकी है। ऐसे में उत्तराखंड के ग्रामीण क्षेत्र जहाँ स्वास्थ्य सुविधाएं ना के बराबर हैं, वहां ग्रामीणों को को इस महामारी से बचाने के लिए जनजागरूकता बहुत जरुरी है।

इसी को देखते हुए ग्रामीण पत्रकार के नाम से मशहूर सामाजिक कार्यकर्ता व देवभूमि संवाद के संवाददाता जगमोहन डांगी ने गांवों में कोरोना से बचाव के लिए जन जागरूकता के साथ साथ क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों को आगे आकर अपनी भागीदारी निभाने के लिए कुछ सुझाव भी दिए हैं।

जगमोहन डांगी का कहना है कि कोरोना महामारी को लेकर सरकार द्वारा दी गई गाइड लाइनों का पालन तो हम कर ही रहे हैं। साथ ही हम सभी ग्रामीणों को अपनी सुविधा और सुरक्षा के लिए अन्य बातों को भी ध्यान में रखना होगा। जैसा कि सरकार द्वारा ग्राम प्रधानों को फ्रंटलाइन वर्कर मान लिया गया है। अतः सभी ग्राम प्रधान आगे आएं और अपना आधार कार्ड दिखाकर अपने चयनित स्थान पर टीकाकरण अवश्य करवाएं, आप सुरक्षित तो गांव सुरक्षित। कोविड-19 को देखते हुए आप ग्राम सभा व वार्ड मेंबरों की सहमति से अपने बजट का 50% भाग जनसुविधा में भी खर्च कर अपना मानव धर्म निभा सकते हैं, अपने अपने गांव को सुरक्षित रखने के लिए आप सभी ग्राम प्रधान अपने युवा मंगल दल तथा महिला मंगल दल के सहयोग से अपने गांव में आने-जाने वाले प्रत्येक व्यक्ति का पंजीकरण अवश्य करवाएं और उन्हें सामाजिक दूरी बनाने के लिए प्रेरित करें। वर्तमान हालात को देखते हुए गांव में होने वाले सारे सरकारी कार्य बंद हों तथा सबसे महत्वपूर्ण बात प्राकृतिक जल स्रोत से पानी लाने का भी एक निश्चित समय हो अर्थात सभी लोग बारी-बारी से ही पानी लेने जाएं एक साथ झुंड में ना जाएं। ग्राम प्रधान यह भी सुनिश्चित करें कि 18 वर्ष से ऊपर के युवा युवती बिना टीकाकरण के स्थानीय बाजारों में अन्यथा ना जाएं, क्योंकि युवाओं की सुरक्षा हमारी पहली प्राथमिकता है। तथा अन्य उम्र के व्यक्ति जिन्होंने भी टीकाकरण ना किया हुआ हो उनका मनरेगा कार्य पर जाना प्रतिबंधित हो। गांव के किसी भी व्यक्तिगत कार्य में नेपाली बिहारी मजदूरों की उपस्थिति वंचित हो। गांव के जो भी लोग दूध बेचने स्थानीय बाजारों में जाते हैं उन से अनुरोध करें कि वह अपने ही गांव के प्रवासियों को दूध बेचें, स्वयं को जागरूक बनाएं एवं कोटद्वार-नजीबाबाद से आने वाली सब्जियों को सैनिटाइज कर गर्म पानी में अच्छे से धोने के बाद ही उन्हें उपयोग में लाएं। इसी संबंध में ग्रामीण युवाओं को भी खास ध्यान देने की आवश्यकता है आजकल देखा गया है कि अधिकतर युवा झुंड में बैठकर या तो मोबाइल में गेम खेलने में व्यस्त रहते हैं या फिर टिकटॉक में। इन सभी को कोविड-19 की गाइडलाइन का पालन करना होगा तभी जाकर हम सभी इस महामारी को खत्म करने में अपना सहयोग दे पाएंगे।

उत्तराखंड को देवभूमि माना गया है इसलिए सच्चे मन से अपने पितरों एवं कुल देवताओं का स्मरण करें और अपने आप को सकारात्मकता की ओर अग्रसर करें।

जगमोहन डांगी
ग्रामीण पत्रकार एवं अध्यक्ष थानेश्वर महादेव मंदिर कमेटी,
ग्राम थनुल पौड़ी गढ़वाल।