उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जनपद के अगस्त्यमुनि ब्लाक के कोटी गांव के निवासी व बद्री-केदार विधान सभा से दो बार विधायक रहे कुंवर सिंह नेगी अब नहीं रहे। 80 वर्षीय पूर्व विधायक कुंवर सिंह नेगी का बुधवार रात को दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। उन्होंने अपनी बेटी रेखा नेगी के देहरादून स्थित आशीर्वाद इन्क्लेब में अंतिम सांस ली। निधन से 10 मिनट पूर्व वह लेखन कार्य में व्यस्त रहे। अंतिम समय तक भी वह एक कर्मयोगी की तरह अपने जीवन के उद्देश्यों को सार्थक करते रहे। उनका अंतिम संस्कार हरिद्वार खड़खड़ी घाट में उनकी दोनों बेटियों ने किया।
पूर्व सीएम हरीश रावत, पूर्व विधायक मनोज रावत, मनीष खंडूड़ी समेत अनेक कांग्रेसी नेताओं ने उनके निधन पर शोक जताया है। पूर्व सीएम हरीश रावत, हीरा सिंह बिष्ट समेत अनेक कांग्रेसी नेता उन्हें अंतिम विदाई देने उनके आर्शीवाद एन्क्लेव स्थिति आवास पर भी पहुंचे। वहां वह अपनी बड़ी बेटी रेनू बिष्ट के परिवार के साथ कुछ समय से रह रहे थे।
कुंवर सिंह नेगी के निधन से इलाके में शोक की लहर है। उत्तरप्रदेश के जमाने में संयुक्त चमोली जनपद के बद्री केदार विधानसभा से वे विधायक रहे। वर्ष 1973-74 में देहरादून में एलएलबी की शिक्षा लेने के पश्चात उन्होने 1975-76 में गोपेश्वर आकर वकालत करनी शुरू की। 1980 में वे कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीते और वर्ष 1981 में हेमवती नंदन बहुगुणा के साथ कांग्रेस छोड़ कर लोकतांत्रिक समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए। चुनाव में बहुगुणा को चमोली से बड़ी लीड दिलवाने में उनकी अहम भूमिका रही। बहुगुणा के अंतिम समय तक वे उनके साथ रहे और फिर वर्ष 1989 में बहुगुणा के स्वर्गवास के पश्चात कांग्रेस में शामिल हो गए। कुंवर सिंह नेगी वर्ष 1980 व 1984 में बद्री केदार विधानसभा से चुनाव जीते।