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विधानसभा चुनाव से पहले आज भाजपा ने उत्तर प्रदेश में सपा को बड़ा झटका दिया है। ‌समाजवादी पार्टी के चार एमएससी ने राजधानी लखनऊ में बुधवार दोपहर भाजपा का दामन थाम लिया। ‌ वैसे इन चारों एमएलसी के भाजपा में जाने के कयास पिछले कुछ दिनों से लगाए जा रहे थे। सपा के चार विधान परिषद सदस्यों रविशंकर सिंह पप्पू, सीपी चंद, रमा निरंजन और नरेंद्र भाटी ने बुधवार को बीजेपी का दामन थाम लिया है। सपा छोड़कर बीजेपी में शामिल होने वाले चार नेता निकाय क्षेत्रों के द्वारा एमएलसी हैं। माना जा रहा है कि बीजेपी इन चारों सदस्यों को निकाय क्षेत्र एमएलसी चुनाव में उतार सकती है, क्योंकि ये सभी दिग्गज हैं और अपने-अपने इलाके के मजबूत नेता माने जाते हैं।

गौरतलब है कि बीते 30 अक्‍टूबर को ही अखिलेश यादव ने बीएसपी के छह बागी विधायकों के साथ सीतापुर भाजपा विधायक राकेश राठौर को भी समाजवादी पार्टी की सदस्‍यता दिलाई थी। आज भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह, उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और डा. दिनेश शर्मा रहे मौजूदगी में सपा नेताओं ने पार्टी की सदस्यता ग्रहण करा कर अखिलेश यादव से हिसाब बराबर कर लिया है। वहीं भाजपा की सदस्यता लेने वाले नोएडा से सपा एमएलसी नरेंद्र भाटी पूर्व सीएम मुलायम सिंह यादव के करीबी माने जाते हैं। अवैध खनन मामले में नोएडा की एसडीएम दुर्गशक्ति नागपाल के द्वारा कड़ी कार्रवाई किए जाने के बाद नरेंद्र भाटी चर्चा में आए थे। बीजेपी ने भी इसे बड़ा मुद्दा बनाया था और अखिलेश सरकार को घेरा था।

बीजेपी ने अब उसी नरेंद्र भाटी को पार्टी की सदस्यता दिलाई है। इसके अलावा झांसी-जालौन ललितपुर सीट से एमएलसी रमा निरंजन भी सपा को अलविदा कहकर बीजेपी में शामिल हो गई हैं। बता दें कि 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले सूबे में विधान परिषद की सीटों पर चुनाव होने हैं। स्थानीय निकाय के द्वारा चुने गए 36 विधान परिषद सदस्यों (एमएलसी) का कार्यकाल पांच महीने के बाद सात मार्च 2022 को पूरा हो रहा है। मार्च में ही सूबे में विधानसभा चुनाव होने हैं, जिसके चलते एमएलसी के चुनाव पहले होंगे। ऐसे में नवंबर के आखिर या दिसंबर के पहले सप्ताह में यूपी के एमएलसी चुनाव का एलान हो सकता है।