गोपेश्वर। हिमालय में चतुर्थ केदार के रूप में पसिद्ध भगवान रुद्रनाथ की डोली गुरूवार को गोपीनाथ मंदिर गोपेश्वर से हिमालय में स्थित रुद्रनाथ मंदिर को रवाना हुई। भगवान रुद्रनाथ मंदिर के कपाट 19 मई को पारंपरिक रीति रिवाजों के बीच खोले जाएंगे। चतुर्थ केदार के रूप में विख्यात भगवान रुद्रनाथ मंदिर के कपाट शीतकाल में बंद हो जाते हैं, उसके बाद रुद्रनाथ की उत्सव डोली शीतकालीन प्रवास पर गोपेश्वर के गोपीनाथ मंदिर में प्रवास करती है। इस बार हिमालय स्थित भगवान रुद्रनाथ मंदिर के कपाट 19 मई को खुलने हैं, इसलिए उत्सव डोली आज गोपेश्वर से हिमालय की ओर रवाना हुई। गोपीनाथ मंदिर में भगवान रुद्रनाथ की डोली गद्दी स्थल पर श्रद्धालुओं के दर्शनों के लिए दो दिनों तक रखी गई थी। इस दौरान हजारों श्रधालुओं ने भगवान रुद्रनाथ का आशीर्वाद प्राप्त किया। इसके बाद धार्मिक एवं पारंपरिक विधि-विधनों के साथ डोली की पूजा अर्चना की गई। गोपेश्वर से उत्सव डोली के रवाना होने के अवसर पर बड़ी संख्या में लोग फूल मालाओं एवं पारंपरिक वाद्य-यंत्रों के साथ मंदिर परिसर में पहुंचे। पारंपरिक वाद्य-यंत्रों की धुन के साथ डोली यहां से हिमालय की ओर रवाना हुई। इस मौके पर रुद्रनाथ के पुजारी हरीश भट्ट को पगडी तथा ऊनी चोला पहनाया गया। भगवान की डोली को आभूषणों और फूलों से सुसज्जित किया गया था। जय बाबा रुद्रनाथ के उद्घोष के साथ भगवान रुद्रनाथ की उत्सव डोली यहां से विदा हुई। यहां से रवाना हुई यह उत्सव डोली गंगोलगांव, सगर होते हुए ग्वाड़ गांव पहुंची। इसके बाद देव डोली हिमालय में स्थित पनार बुग्याल के प्रवास पर पहुंची। देव डोली के साथ बडी संख्या में स्थानीय लोग भी शामिल हैं। शुक्रवार को यह डोली पूजा अर्चना के बाद पनार बुग्याल से प्रस्थान कर रात्रि मे रुद्रनाथ पहुंचेगी और 19 मई को ब्रह्महूर्त में भगवान रुद्रनाथ मंदिर के कपाट आम श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खोल दिए जाएंगे।