ganga-river-level-in-haridwar-and-rishikesh-increasing-

देहरादून : उत्तराखंड में बीते दो तीन दिनों से लगातार हो रही बारिश के कारण मुख्य नदियों ने रौद्र रूप धारण कर लिया है, जबकि गढ़वाल से लेकर कुमाऊं तक छोटे-बड़े नदी-नाले उफान पर हैं। जिसके चलते लोगों के मन में आपदा का खौफ पैदा हो गया है। अलकनंदा, मंदाकिनी, नंदाकिनी, शारदा, गोरी, कोसी, रामगंगा सहित अन्य नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। बदरीनाथ, रुद्रप्रयाग, पिथौरागढ़, अल्मोड़ा हाईवे सहित कई मार्ग बंद हैं। स्थिति देखते हुए अलर्ट जारी किया गया। नदियों के आस-पास मुनादी की जा रही है। टिहरी, पौड़ी और ऋषिकेश प्रशासन लगातार मुनादी करवा रहा है। नंदाकिनी नदी के उफान पर आने से घाट-सलबगड़ सड़क का करीब 20 मीटर हिस्सा बह गया, जिससे क्षेत्र में वाहनों की आवाजाही ठप पड़ गई है। सड़क बह जाने से वादुक, गुलाड़ी, सितेल, पेरी, कनोल, आला, जोखना, गैरी, सीक, प्राणमति, तंगला, बूरा सहित क्षेत्र के करीब 20 गांवों का संपर्क कट गया है। सड़क के दोनों ओर वाहन फंसे हुए हैं।

रुद्रप्रयाग जिले में शुक्रवार रातभर बारिश होती रही। रुद्रप्रयाग में रैतोली बाईपास पर पुराना बैली ब्रिज नदी में डूब गया है। अगस्त्यमुनि में भी मंदाकिनी का जलस्तर उफान पर है। लगातार बारिश से श्रीनगर में रात 2 बजे अलकनंदा खतरे के निशान को पार कर गई। हालाँकि शनिवार सुबह अलकनंदा का जलस्तर खतरे के निशान से नीचे हो गया है। जल स्तर बढ़ने पर पुलिस रात में धारी मंदिर पहुंची। श्रीनगर में रात से विद्युत आपूर्ति ठप है। वहीं नदी में गाद आने से आज घरों में पानी नहीं आएगा। वहीँ कोटद्वार में भी खोह नदी उफान पर है।dhari devi mandir alaknanda

ऋषिकेश में गंगा घाट डूब गए हैं। परमार्थ निकेतन स्वर्गाश्रम, त्रिवेणी और लक्ष्मण झूला के लगभग सभी गंगा घाट डूब गए हैं। मायाकुण्ड, चंद्रेश्वर नगर में पानी भर गया है। परमार्थ निकेतन स्वर्गाश्रम का कथा स्थल भी जलमग्न हो गया है। गंगा नदी एक बार फिर भगवान शिव की मूर्ति को छूकर बह रही है। हरिद्वार में भी गंगा उफान पर है।। ऋषिकेश और हरिद्वार में गंगा का जलस्तर बढ़कर 340.34 आरएल मीटर पर पहुंच गया है। एहतियातन अलर्ट जारी किया गया है और आसपास की आबादी को रात में ही सुरक्षित स्थानों पर भेज दिया गया था। वर्ष 2013 की आपदा के बाद पहली बार गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर बहने से तीन लाख 92 हजार 404 क्यूसेक तक पहुंच गया। जलस्तर बढ़ने से हरिद्वार से लेकर कानपुर तक हाई अलर्ट जारी कर भीड़गोड़ा बैराज के सभी गेट एक साथ खोल दिए गए।

उधर कुमाऊँ में भी टनकपुर-पूर्णागिरि मार्ग में किरोड़ा नाला भी उफान पर है। टनकपुर में शारदा नदी उफान पर है। टनकपुर के स्नान घाट में पानी चढ़ गया है। आसपास की आबादी को खतरा हो गया है। गोरी नदी से मदकोट-जौलजीबी सड़क भदेली में बह गई है, बंगापानी के समीप कई बस्तियां खतरे में आ गईं हैं। पिथौरागढ़-घाट सड़क चार स्थानों पर बंद है। चुपकोट बैंड, दिल्ली बैंड और घाट पुलिस चौकी सहित चार स्थानों पर मलबा आ गया है। इसके आलावा मुनस्यारी-जौलजीबी सड़क तीन स्थानों पर बह गई है। नैनीताल में लगभग 36 घंटे से बारिश हो रही है। टनकपुर-पिथौरागढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग स्वांला-धौन के पास बंद है। बारिश के चलते शिप्रा और कोसी नदी उफान पर है। चौखुटिया में लगातार रामगंगा का जलस्तर बढ़ रहा है। डीडीहाट में भी 24 घंटे से लगातार बारिश हो रही है।

यह भी पढ़ें:

अच्छी खबर: पौड़ी गढ़वाल की निधि बिष्ट बनी वायु सेना में फ्लाइंग ऑफिसर