भारतीय सेना के जवान नायक सुरेंद्र सिंह नेगी सोमवार को जम्मू-कश्मीर के पुंछ इलाके में नियंत्रण रेखा पर गश्त के दौरान शहीद हो गए। सेना के अधिकारियों ने बताया कि गढ़वाल राइफल्स के जवान नायक सुरेंद्र सिंह नेगी बालनोई इलाके में नियंत्रण रेखा के पास गश्त लगा रहे थे तभी अचानक वह अचेत हो गए। उन्होंने बताया कि साथी जवान तुरंत सुरेन्द्र सिंह को अस्पताल ले गए, जहां पर डॉक्टरों ने बताया कि उनकी मौत अस्पताल लाने से पहले ही हो चुकी थी।
8th गढ़वाल राइफल्स के जवान सुरेंद्र सिंह नेगी मूलरूप से चमोली के कोट कंडारा स्थित सुनाली गांव के रहने वाले थे। वर्तमान में उनका परिवार देहरादून में रहता हैं। अपने परिवार में सबसे छोटे सुरेंद्र सिंह नेगी साल 2005 में 8th गढ़वाल राइफल्स में भर्ती हुए थे। उनका पूरा परिवार सेना और देशसेवा के लिए समर्पित रहा है। उनके पिता गोविंद सिंह नेगी (83 वर्षीय) तथा बड़ा भाई सुलभ सिंह भी सेना से रिटायर्ड है। जबकि मंझला भाई दुलभ सिंह भी गढ़वाल राइफल्स में अपनी सेवा दे रहा है। जवान सुरेंद्र सिंह की आकस्मिक मौत की खबर से उनका पूरा परिवार सदमे में है तथा पूरे क्षेत्र में शोक की लहर है। शहीद सुरेंद्र सिंह का पार्थिव शरीर मंगलवार को उनके गांव पहुंचेगा।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने गढ़वाल राइफल के जवान सुरेंद्र सिंह नेगी की शहादत को नमन करते हुए कहा कि जम्मू कश्मीर के पुंछ सेक्टर में अपना फर्ज निभाते हुए कर्णप्रयाग, चमोली निवासी 8वीं गढ़वाल राइफल के जवान सुरेंद्र सिंह नेगी शहीद हुए हैं, मैं उनके बलिदान को शत-शत नमन करता हूं। ईश्वर शहीद परिजनों को धैर्य प्रदान करें। सरकार हमेशा शहीद के परिजनों के साथ खड़ी है।
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