श्रीनगर : उत्तराखंड जनरल ओबीसी एम्प्लाइज एसोसिएशन श्रीनगर शाखा के सदस्यों द्वारा गुरुवार रात आठ बजे दीपक जलाकर सरकार का ध्यान इस बात पर आकर्षित किया गया कि सरकार ने नियुक्तियों में पहला पद आरक्षित श्रेणी को आबंटित कर दिया है। संगठन नियुक्तियों में पहला पद सामान्य करने की मांग कर रहा है, जैसा कि सरकार ने 2019 में जीओ जारी कर दिया था कि नियुक्ति का पहला पद सामान्य वर्ग का होगा। परन्तु अचानक अप्रैल 2020 में शासनादेश बदल दिया है। जिसका संगठन ने दिये जलाकर विरोध प्रकट किया है। संगठन का कहना है कि सरकार दूसरे वर्ग के दबाव में आकर हमारे प्रांतीय अध्यक्ष को एससी/एसटी एक्ट में मुकदमा दायर कर बन्द करने की कार्यवाही करना चाहती है। जिसका समस्त सामान्य जनरल ओबीसी वर्ग घोर विरोध करता है। संगठन के कार्यकर्ताओं ने चेतावनी देते हुए कहा है कि यदि सरकार और शासन ने हमारे प्रांतीय अध्यक्ष को गिरफ्तार कर षडयंत्र रचने की कोशिश की तो सरकार को गम्भीर परिणाम भुगतने होंगे। सारा समाज आन्दोलन के लिए बाध्य हो जायेगा जिसकी सम्पूर्ण जिम्मेदारी सरकार और शासन की होगी। हम सरकार से यह भी मांग करते हैं कि एससी/एसटी एक्ट को तत्काल प्रभाव से समाप्त किया जाय। क्योंकि बहुत से लोग इस एक्ट का दुरुपयोग कर रहे हैं। लगातार सामान्य वर्ग के लोगों को इस एक्ट का भय दिखाकर भयभीत करने का काम पूरे देश में किया जा रहा है जो कि हमारे समाज के साथ एक भद्दा मजाक है। इसलिए यह काला कानून सरकार समाप्त करे। दीप प्रज्वलित में संरक्षक शिव सिंह नेगी, देवानंद बहुगुणा, अध्यक्ष जसपाल सिंह गुसांई, मुख्य संयोजक महेश गिरि, महासचिव मन्त्री मनोज भण्डारी, मीडिया प्रभारी श्रीकृष्ण उनियाल, संयोजक राकेश रावत, राकेश सेमवाल, कोषाध्यक्ष सन्तोष पोखरियाल, सयुंक्त मंत्री सौरभ नौटियाल, उपाध्यक्ष कुसुमा बर्तवाल, संयोजक एस.पी. नौटियाल, सदस्य नागेंद्र नौढियाल, मुकेश रावत, शंकर कैन्थोला, विवेक पुरोहित, नरेंद्र सिंह बिष्ट, एसपी नौटियाल, उपाध्यक्ष आशाराम पुरी, उपाध्यक्ष पूजा नेगी, संगीता रावत, सोनम राणा, कैलाश पुण्डीर, राजीव उनियाल आदि सम्मिलित हुए।
पौड़ी शहर में भी जनरल ओबीसी एम्प्लाइज फेडरेशन के मुख्य संयोजक सीताराम पोखरियाल, उपाध्यक्ष जयदीप रावत, संरक्षक साबर सिंह, संयोजक दिवाकर धस्माना, कोषाध्यक्ष जसपाल रावत, दीपक नेगी, प्रेमचन्द ध्यानी, मनोज काला, सोबन सिंह आदि कर्मचारियों ने मोमबत्ती जलाकर प्रदर्शन किया।