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पौड़ी गढ़वाल : श्रीनगर विधानसभा क्षेत्र के खिर्सू विकासखण्ड की ग्रामसभा बुदेसु में बाल विकास विभाग पौड़ी द्वारा ‘‘घौर की पछयाण-नौनी कु नौ‘‘ अर्थात घर की पहचान बालिका का नाम योजना आज से शुरू हो गई है। प्रदेश के उच्च शिक्षा राज्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने आज खिर्सू ब्लाक के बुदेशु में बतौर मुख्य अतिथि शिरकत कर जिला प्रशासन के तत्वाधान में महिला सशक्ति एवं बाल विकास विभाग पौड़ी की ओर से बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ योजना के अन्तर्गत ‘‘घौर की पछयाण नौनी कु नौ’’ कार्यक्रम का विधिवत शुभारंभ कर, घरों में बेटी के नाम की नेम प्लेट लगाये। इस मौके पर डॉ. रावत ने बाल विकास विभाग की झिंगल एवं विज्ञापन को भी मुहुर्त रूप दिया। ग्रामसभा बुदेशु को डॉ. धन सिंह रावत द्वारा बेटी बचाओं बेटी पढ़ाओ योजना के तहत गोद लिया गया। उन्होने जिला प्रशासन की अभिनव पहल ‘‘घौर की पछयाण-नौनी कू नौ‘‘ अर्थात घर की पहचान बालिका का नाम योजना की प्रशंसा करते हुए उन्हे बधाई दी। उन्होंने आज के समाज में महिलाओं और बालिकाओं को और अधिक सशक्त बनाये जाने पर जोर दिया। साथ ही महिला समूहों द्वारा पहाड़ी क्षेत्रों की आर्थिकी को सशक्त और सुदृढ़ बनाने के  लिए सरकारी तंत्र को भी एकजुट होकर कार्य करने के निर्देश दिये। कार्यक्रम में बालिका के घरों पर नेम प्लेट लगाये गये। स्वच्छ भारत मिशन के तहत डस्टबीन भी वितरण किया गया।

विधानसभा क्षेत्र श्रीनगर के खिर्सू विकास खण्ड की ग्राम सभा बुदेसु में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उच्च शिक्षा मंत्री व क्षेत्रीय विधायक डॉ. रावत ने कहा कि महिला उत्थान को लेकर सरकार हर स्तर पर बेहतर कार्य कर रही है। उन्होने सरकार द्वारा संचालित योजनाओं की जानकारी। उन्होंने कहा कि बाल विकास विभाग द्वारा ‘‘घौर की पछयाण-नौनी कु नौ‘‘ अर्थात घर की पहचान बालिका का नाम योजना का शुभारंभ बुदेसु गांव से की जा रही है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2011 की जनगणना में बालक-बालिका के लिंगानुपात में आये भारी अन्तर को देखते हुए भारत सरकार द्वारा वर्ष 2015 से बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान को शुरू किया गया। उन्होंने कहा कि भारतवर्ष में इंटरमीडिएट के बाद महज 21 प्रतिशत बालिकाएं स्नातक करती थी। जबकि उत्तराखंड में सापेक्ष 43 प्रतिशत बालिकाएं स्नातक करती हैं। यही नहीं उत्तराखंड के सभी उच्च शिक्षण संस्थानों में लगभग 82 प्रतिशत बालिकांए तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में अध्ययनरत हैं। उन्होंने कहा कि महिला समूहों को स्वरोजगार के क्षेत्र में सरकार आत्मनिर्भर बना रहे है। कहा कि चम्पावत जिले में हिमालयन हनी के रूप में यहां के 17 महिला समूहों ने लगभग 20-27 लाख रूपये एक साल के भीतर शहद का विक्रय कर अच्छी आमदनी प्राप्त की है। कहा कि सहकारिता विभाग द्वारा महिला समूहों को एक, तीन, और पांच लाख रूपये तक का ऋण बिना ब्याज के दिया जा रहा है। जबकि महिला समूहों को सशक्त बनाने के लिए, सहकारिता विभाग से करीब चार हजार करोड़ रूपये पूरे राज्य में वितरित किया है। उन्होंने कहा कि महिला समूहों ने बद्रीनाथ धाम में प्रसाद से लगभग एक करोड़ रूपये की आमदनी प्राप्त की।

उन्होने कहा कि राज्य सरकार ने महिलाओं को पैतृक भूमि में हक दिलाकर उत्कृष्ट कार्य किया है। जिससे कि महिलाओं को पुरूषों के बराबर हक प्राप्त हो सकेंगे। महिलाओं के नाम भी संपत्ति की रजिस्ट्री होगी, जिससे वे अपने व्यवसाय के लिए ऋण इत्यादि भी आसानी से ले सकेंगे। उन्होंने बुदेशु में पंचायत घर के निर्माण के लिए 24 लाख तथा उद्यान विभाग के बगीचे के जीर्णाद्धार के लिए तीन करोड़ 50 लाख रूपये दिये जाने की बात कही। उक्त बागवानी की रख रखाव आदि कार्य हेतु करीब 20 लोगों को रोजगार मिलेगा।

इस मौके पर मुख्य विकास अधिकारी आशीष भटगांई ने सरकार द्वारा संचालित योजनाओं की विस्तृत जानकारी देते हुए, महिला सशक्ति एवं बाल विकास विभाग पौड़ी संचालित योजनाओं की भी जानकारी दी।

वन स्टाप सेन्टर केस वर्कर रमन रावत पोली ने मंच संचालन करते हुए महिला सशक्ति एवं बाल विकास विभाग द्वारा संचालित योजना की विस्तृत जानकारी दी। उन्होने बताया कि आगनवाड़ी केंद्रों में माताओं को भी पोषण के प्रति जागरूक किया जा रहा है। अम्मा की रसाई के द्वारा भी अपने पारम्परिक व स्थानीय भोजन को बच्चों को दिये जाने की भी जानकारियों से महिलाओं को रूबरू किया जा रहा है। कहा कि विभाग के द्वारा पोषण माह एक सितम्बर से 30 सितम्बर 2020 के तहत भी महिलाओं को नौनिहालों के पोषण के प्रति जागरूक किया जा रहा है।

इस अवसर पर जिलाध्यक्ष भाजपा संपत सिह रावत, प्रदेश उपाध्यक्ष सहकारिता मातबर सिह रावत, ग्राम प्रधान महिताब सिह, जिला विकास अधिकारी वेद प्रकाश, डीपीआरओ एम एम खान, स्वस्थ्य भारत प्रेरक विश्व मोहनी, प्रभारी डीपीओ जितेन्द्र कुमार, पोषण मिशन सुरेन्द्र बिष्ट सहित संबंधित अधिकारी जनप्रतिनिधि एवं ग्रामीण उपस्थित थे।