Tapovan Tunnel

Chamoli disaster : उत्तराखंड के चमोली जिले में बीते 7 फरवरी को ग्लेशियर टूटने से आई भीषण दैवीय आपदा में लापता हुए लोगों को मृत घोषित करने के लिए शासन की ओर से गाइडलाइन जारी की गई है। गाइडलाइन को लागू करने के लिए परगना अधिकारी, उप जिला मजिस्ट्रेट को मृत्यु पंजीकरण अधिकारी नामित किया गया है। मृत्यु का पंजीकरण अधिनियम के अधीन मृत्यु होने से संबधित स्थान पर किया जाएगा।

जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया ने बताया कि गाइडलाइन के अनुसार लापता व्यक्तियों के मृत्यु प्रमाण पत्र तीन श्रेणियों में वर्गीकृत करते हुए कार्रवाई की जाएगी। पहली श्रेणी में आपदा प्रभावित तथा निकटवर्ती स्थानों के स्थायी निवासी, दूसरी श्रेणी में उत्तराखंड के अन्य जनपदों के निवासी और तीसरी श्रेणी में अन्य राज्यों के पर्यटक, व्यक्ति जो आपदा के समय आपदा प्रभावित स्थानों पर उपस्थित थे उन्हें रखा गया है।

इसबीच तपोवन सुरंग और बैराज साइट से मलबा हटाने और लोगों की तलाश का अभियान लगातार 19वें दिन भी जारी है। अभी तक कुल 70 शव एवं 30 मानव अंग अलग-अलग स्थानों से बरामद किए गए हैं। जिसमें से 40 शवों एवं 01 मानव अंग की शिनाख्त की जा चुकी है। जिन शवों की शिनाख्त नहीं हो पाई है उन सभी शवों के डीएनए संरक्षित किए गए हैं। जोशीमठ थाने पर अब तक कुल 205 लोगों की गुमशुदगी दर्ज की जा चुकी है। कुल 110 परिजनों, 58 शवों एवं 28 मानव अंगों के डीएनए सैम्पल मिलान के लिए देहरादून भेजे गए हैं।