राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली सँयुक्त मोर्चा उत्तराखंड के पदाधिकारियो द्वारा आज पुरानी पेंशन बहाली समिति के अध्यक्ष, कैबीनेट मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत से वार्ता की गई. इस दौरान डॉ. हरक सिंह रावत ने बताया कि उनकोउन्हें 2005 से पूर्व विज्ञप्ति में छूटे कार्मिको के प्रकरणो का निस्तारण करने हेतु नियुक्त किया गया है। परन्तु समिति के सम्मुख कई विभागों के ऐसे प्रकरण प्रस्तुत किये जा रहे है, जो पूर्व में ही तदर्थ, मानदेय एवं अन्य श्रोतों से नियुक्ति प्राप्त करने के बाद 2005 के बाद नियमित हुये हैं। उन्होंने बताया कि ऐसे प्रकरण स्वास्थ्य, शिक्षा विभाग से ज्यादा आ रहे है।

राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली सँयुक्त मोर्चा उत्तराखंड द्वारा डॉ. हरक सिंह के सम्मुख पक्ष रखा गया कि शिक्षा विभाग में अक्टूबर 2005 से पूर्व कोटद्वार विधानसभा उपचुनाव में छूटे हुए शिक्षको के सम्बंध में उच्च न्यायालय द्वारा उनको पुरानी पेंशन से आच्छादित करने हेतु स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं व मोर्चा द्वारा उनको न्यायालय के क्रम में दिये जाने में कोई वैधानिक कठिनाई नही है।

मोर्चा द्वारा कैबिनेट मंत्री से विस्तृत वार्ता की गई और पुरानी पेंशन और नई पेंशन प्रणाली के गुण दोषों के सम्बंध में अवगत कराया गया. मोर्चा के प्रदेश महासचिव सीताराम पोखरियाल ने पुरानी पेंशन को बुढ़ापे का सहारा और कार्मिको का अधिकार बताते हुये अपनी बात रखी. साथ ही सरदार नरेश मुख्य सयोंजक, द्वारा अवगत कराया गया कि जब विधायक गणों को भी पेंशन मिलती है परन्तु 30 या 35 साल बाद कार्मिको को पेंशन से वंचित करना न्यायोचित नही है. इस हेतु राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली सँयुक्त मोर्चा पूरे देश मे आंदोलित है, जिसमें मंत्री द्वारा अवगत कराया गया कि उत्तराखंड सरकार पुरानी पेंशन बहाली के प्रकरण पर गम्भीर है और जल्द इस पर निर्णय लिया जाएगा।

वार्ता में प्रदेश महासचिव सीताराम पोखरियाल, मुख्य सयोंजक सरदार नरेश उपस्थित रहे।