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देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पौड़ी के राजकीय नर्सिंग कॉलेज डोभ (श्रीकोट) का नाम अंकिता भंडारी के नाम पर करने का ऐलान किया। अब यह नर्सिंग कॉलेज अंकिता भंडारी राजकीय नर्सिंग कॉलेज के नाम से जाना जाएगा। इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार बेटी अंकिता के परिजनों के साथ खड़ी है और प्रदेश की हर बेटी का सम्मान और उनकी सुरक्षा को सुनिश्चित करने हेतु संकल्पबद्ध है। राज्य की हर बेटी का सम्मान और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

अंकिता हत्याकांड में आज दो गवाहों के बयान दर्ज

उधर आज कोटद्वार में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश रीना नेगी की अदालत में अंकिता भंडारी हत्याकांड में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान फॉरेंसिक यूनिट के सदस्य सज्जन सिंह और इलेक्ट्रीशियन कुलदीप सिंह के बयान दर्ज किये गये। इसके अलावा 22 सितंबर को अगले दो गवाहों को कोर्ट पहुंचने के लिए समन जारी कर दिया गया है।

इलेक्ट्रीशियन कुलदीप सिंह ने बताया मैने वनंत्रा रिसॉर्ट के मालिक पुलकित आर्य से 16 सितंबर को फोन पर नौकरी की बात की थी। वह 18 सितंबर को वनंत्रा रिसॉर्ट पहुंचा। तब अंकिता रिसॉर्ट में ही मौजूद थी। 19 सितंबर को वनंत्रा रिसॉर्ट पहुंचने पर अंकिता की गुमशुदा होने पर हंगामा हो रहा था। उसने बताया 20 सितंबर को डीवीआर कैमरे इंस्टाल किया जा रहा था, तब भी रिसॉर्ट में हंगामा हो रहा था।

सुनवाई के दौरान फोरेंसिक यूनिट के सदस्य सज्जन सिंह ने बताया वनंत्रा रिसॉर्ट में बने अंकिता भंडारी के कमरे में गिलास, कप, प्लेट और दीवारों पर आरोपी के फिंगरप्रिंट मैच नहीं हो रहे हैं। आगे उसने बताया कि हत्याकांड के बाद 23 सितंबर को टीम ने वनंत्रा रिसॉर्ट में अंकिता के कमरे की फोटो और वीडियोग्राफी की थी।

क्या है अंकिता भंडारी मर्डर केस

पौड़ी जिले डोभ श्रीकोट की रहने वाली 19 वर्षीय अंकिता भंडारी ऋषिकेश के बैराज चीला मार्ग पर गंगा भोगपुर स्थित वनंतरा रिजॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट की नौकरी करती थी। अंकिता की इस रिजॉर्ट में 28 अगस्त को नौकरी लगी थी। परन्तु 20 दिन बाद ही बीती 18 सितंबर को वह रिसोर्ट से रहस्यमय तरीके से लापता हो गई थी। जिसके बाद रिजॉर्ट के मालिक पुलकित आर्य ने राजस्व पुलिस चौकी में उसकी गुमशुदगी दर्ज कराई। परन्तु जब 22 सितंबर तक अंकिता का कुछ पता नहीं चला। तो पत्रकार आशुतोष नेगी एवं परिजनों द्वारा इस मामले को जोरशोर से उठाने और डीएम से इस मामले की शिकायत करने के बाद मामला लक्ष्मणझूला थाना पुलिस को ट्रांसफर कर दिया गया।

जिसके बाद पुलिस जांच में इस मामले में वनंतरा रिजॉर्ट के संचालक और उसके मैनेजरों की भूमिका सामने आई। रिजॉर्ट के कर्मचारियों से पूछताछ में पता चला कि 18 सितंबर को शाम करीब आठ बजे अंकिता रिजॉर्ट के मालिक पुलकित आर्य, मैनेजर अंकित और भास्कर के साथ रिजॉर्ट से निकली थी, लेकिन जब वो वापस लौटे तो उनके साथ अंकिता नहीं थी। इस आधार पर पुलिस ने तीनों को हिरासत लिया और पूछताछ की।

आरोपियों ने पुलिस के सामने सारा सच उगल दिया। आरोपियों ने अंकिता भंडारी को नहर में धकेल दिया था। जिससे उसकी मौत हो गई। मामले में पुलिस ने पूर्व भाजपा नेता व पूर्व राज्यमंत्री विनोद आर्य के बेटे रिजॉर्ट संचालक पुलकित आर्य और उसके दो मैनेजरों को हत्या के आरोप में गिरफ्तार कर लिया था। फिलहाल इस मामले में चार्जशीट दाखिल हो चुकी है और केस कोर्ट में है।