श्रीनगर : कोरोना संकट काल में एससीईआरटी देहरादून द्वारा उत्तराखंड में समस्त शिक्षकों का वर्चुअल प्रशिक्षण कराये जाने का राजकीय शिक्षक संघ गढ़वाल मण्डल के पदाधिकारियों ने विरोध किया है। बतादें कि एससीईआरटी देहरादून ने बीते 4 अगस्त आदेश जारी किया था, जिसके मुताबिक उत्तराखंड में आगामी 18 अगस्त से और 12 सितम्बर 2020 तक समस्त शिक्षकों का वर्चुअल प्रशिक्षण कराया जायेगा। जिसके बाद आज उत्तराखंड राजकीय शिक्षक संघ गढ़वाल मण्डल उपाध्यक्ष बृजेश पंवार और मण्डलीय प्रवक्ता जसपाल सिंह गुसांई ने संयुक्त बयान जारी कर वर्चुअल प्रशिक्षण का विरोध किया है।
उनका कहना है कि वर्तमान में कोविड-19 कोरोना महामारी फैली हुई है, ऐसे समय में प्रशिक्षण कराना खतरे से खाली नहीं है। जबकि भारत सरकार के एचआरडी मंत्रालय और एनसीईआरटी व गृह मंत्रालय के स्पष्ट आदेश हैं कि शिक्षा से सम्बंधित कोई भी प्रशिक्षण 31 अगस्त 2020 तक न किए जाय। पदाधिकारियों का कहना है कि वर्चुअल क्लास रूम गढ़वाल मंडल के केवल शहरी विद्यालयों में ही उलब्ध हैं। जिसमें कि शिक्षकों को 30 से 40 किमी की दूरी तय कर वर्चुअल प्रशिक्षण में आना होगा। ऐसे में उन्हें आने जाने की भारी कठिनाइयों का सामना करना होगा साथ ही रहने व खाने की भी व्यवस्था में भारी परेशानी उठानी होगी। सयुंक्त बयान में विभाग से मांग की गई है कि इस समय प्रशिक्षण को स्थगित किया जाय। जब स्थितियां सामान्य हो जाएँगी तो तब प्रशिक्षण को प्रारम्भ कराया जाय। यदि विभाग ने कोरोना महामारी में इस प्रकार के कोई भी प्रशिक्षण कराया तो शिक्षकों द्वारा उसका घोर विरोध किया जाएगा। और प्रशिक्षण के समय महामारी किसी प्रशिक्षणार्थियों में फैलती है तो उसकी सम्पूर्ण जिम्मेदारी विभाग और सरकार की होगी।