Ghenja Utsav 2024

टिहरी: टिहरी गढ़वाल के प्रतापनगर क्षेत्र के अंतर्गत हेरवाल गांव में जाने माने शिक्षाविद, एनसीईआरटी, यूजीसी, सीबीएसएसी के सदस्य सहित ग्रीन स्कूल के संस्थापक व अमेरिका में हाल ही में उच्च शिक्षा एडवाइजरी समिति में सदस्य बने विरेन्द्र सिंह रावत की पहल पर पहली बार क्षेत्र के पौराणिक त्योहार घेंजा को एक नए नवाचारी प्रयोग करके घेंजा उत्सव 2024 विरेन्द्र रावत के निवास बमुरा धाम में आयोजित किया गया। आयोजन में  मुख्य अतिथि के रूप में आरएसएस के प्रांत कार्यवाहक दिनेश सेमवाल, उपजिलाधिकारी प्रतापनगर व घनसाली शैलेंद्र सिंह नेगी, मुख्यमंत्री उत्तराखंड के पूर्व जनसंपर्क अधिकारी रहे भजराम पंवार, थानाध्यक्ष लंबगांव महिपाल सिंह रावत, जिला पंचायत सदस्य कंडियाल गांव रेखा असवाल, पनियाला से जिला पंचायत सदस्य रीता राणा रहे।

शुक्रवार को घेंजा उत्सव की शुरुआत 121 किलो के श्रीराम घेंजा के ऊपर रिबन काटकर दिनेश सेमवाल, शैलेंद्र नेगी, विरेन्द्र रावत, मनोज व्यास, घेंजा उत्सव कार्यक्रम के संयोजक दिनेश कलूडा, सह संयोजक के रूप में लिखवार गांव प्रधान चंद्रशेखर पैन्यूली, पोखरी के पूर्व प्रधान व वर्तमान प्रतिनिधि विजय पोखरियाल, मोहन पंवार, जय सिंह रावत आदि की मौजूदगी में हुई। इसके बाद मुख्य अतिथि व सभी उपस्थित लोगों ने घेंजा उत्सव 2024 में विभिन्न गांवों से पहुंची मातृशक्ति माताओं बहनों द्वारा प्रतिभाग करने हेतु लाए गए घेंजों की प्रदर्शनी देखी. जिसके बाद ज्यूरी टीम ने सभी का निरीक्षण करके अंत में प्रथम, द्वितीय व तृतीय स्थान पर रहने वाली प्रतिभागी महिलाओं के नाम का चयन किया। घेन्जा उत्सव में 434 महिलाओं ने नामांकन किया था। घेंजा उत्सव में प्रतिभाग करने वाली सभी महिलाओं को 500 रुपए और प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया, साथ ही प्रथम स्थान पर रहने वाली महिला को 5100 रुपए की नगद धनराशि व प्रमाण पत्र, द्वितीय स्थान पर रहने वाली महिला को 3100 रुपए की नगद धनराशि व प्रमाण पत्र, तृतीय स्थान पर रहने वाली महिला को 2100 रुपए की नगद धनराशि व प्रमाण पत्र मुख्य आयोजक विरेन्द्र सिंह रावत द्वारा देकर मातृशक्ति को सम्मानित किया गया। निर्णायक मंडल की सदस्य रोहिणी सिंह, राखी राणा, अंकिता बिष्ट, संगीता पंवार, पवित्रा राणा व पूर्णा देवी को भी स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।

मुख्य अतिथि आरएसएस के प्रांत कार्यवाह दिनेश सेमवाल ने कहा कि इस तरह के आयोजन हमारी पुरानी रीति रिवाजों, खान पान व संस्कृति की याद दिलाते है, पहली बार इस तरह का आयोजन करने के लिए आयोजक व उनकी पूरी टीम को बहुत बहुत बधाई, घेंजा को हरेला की तरह पूरे प्रदेश व देश में एक नई पहचान दिलाने की जरूरत है जिसके लिए सभी को मिलकर प्रयास करने होंगे। उन्होंने घेंजा उत्सव में पहुंची मातृशक्ति को बधाई दी साथ ही कहा कि आगामी 22 जनवरी को सभी लोग अपने अपने गावों में भगवान श्रीराम के मंदिर उदघाटन पर भजन कीर्तन पूजा पाठ करें, उन्होंने कहा प्रभु श्रीराम का धाम अयोध्या में भव्य दिव्य मंदिर बनना सौभाग्य की बात है, साथ ही कहा कि उत्तर की द्वारिका सेम नागराजा की भूमि पर इस तरह के आयोजन होना सुखद है। उन्होंने मौजूद सभी लोगो से आग्रह किया कि हमें जीवन में 5 बातों का ध्यान रखना होगा जिसमे जल संरक्षण, ऊर्जा संरक्षण, पशु पक्षी संरक्षण, कूड़ा निस्तारण और औषधीय पौधों  व फलदार वृक्षों को अपने घरों के आस पास जरूर संरक्षित करना होगा।

प्रतापनगर के उपजिलाधिकारी शैलेंद्र सिंह नेगी ने कहा कि घेंजा भले ही प्रतापनगर या इसके आस पास मनाया जाता है, लेकिन इस तरह का आयोजन होना सुखद है। हमारे पुरखों ने मोटे अनाज का अधिक सेवन किया इसीलिए पहले के लोग स्वस्थ रहते थे। आजकल मिलावटी वस्तुओं के सेवन से तमाम बीमारियां उत्पन हो रही है उन्होंने सभी से मोटे अनाज को खान पान में शामिल करने की बात कही व कहा कि घेंजा भी मोटे अनाज से युक्त एक सुंदर व संतुलित भोजन है, घेंजा को बड़ी इस तरह के आयोजन से एक बड़ी पहचान जरूर मिलेगी। उन्होंने कहा कि हमारे उत्तराखंड में विभिन्न क्षेत्रों में अलग अलग तरह के रीति रिवाज खान पान पाया जाना हमारी समृद्धता को भी दर्शाता है। एसडीएम प्रतापनगर ने कार्यक्रम में मौजूद सैकड़ों लोगो को मतदान के प्रति जागरूकता व शत प्रतिशत मतदान में हर मतदाता की सहभागिता सुनिश्चित करने हेतु सभी को शपथ भी दिलाई।

मुख्यमंत्री के जन संपर्क अधिकारी रहे भजराम पंवार ने कहा कि मोटा अनाज हमारी पहचान है। घेंजा उत्सव मनाया जाना सुखद बात है इतनी बड़ी संख्या में महिलाओं द्वारा विभिन्न घेंजा व आयोजकों द्वारा 121 किलो का श्रीराम घेंजा बनाया जाना अच्छी बात है। हमारे पुरखों के रीति रिवाजों से हमारी आने वाली पीढ़ियां, देश दुनिया इस तरह के आयोजनों से परिचित होगी,उन्होंने सभी को शुभकामनाएं प्रेषित की।

कार्यक्रम में जिला पंचायत सदस्य श्रीमती रेखा असवाल ने कहा कि इस तरह के आयोजनों का व्यापक प्रचार प्रसार होना चाहिए और इसमें स्थानीय जनप्रतिनिधियों की अधिक से अधिक सहभागिता सुनिश्चित होनी चाहिए। उन्होंने बड़ी संख्या में पहुंची मातृशक्ति को बधाई दी , व कहा कि घेंजा उत्सव मनाया जाना अच्छा प्रयास है।

मुख्य आयोजक विरेन्द्र रावत ने कहा कि हमारी कोशिश होगी घेंजा को एक नई पहचान मिले, इसको देश दुनिया के लोग जाने। उन्होंने सभी महिलाओं का धन्यवाद दिया साथ ही सभी अतिथियों व आगंतुकों का भी आभार जताया। उन्होंने कहा बेशक हमे सुदूरवर्ती क्षेत्रों के या बहुत दूरस्थ इलाकों के लोग कहे लेकिन हम वास्तव में  देवभूमि के वो लोग है जो ईश्वर के सबसे नजदीक रहते हैं,हम ईश्वर की भूमि में रहने वाले लोग है,उन्होंने कहा कि 121 किलों का राम घेंज बनना अपने आप में एक रिकार्ड है।

कार्यक्रम में थानाध्यक्ष लंबगांव महिपाल सिंह रावत ने कहा कि इस तरह का आयोजन होना अच्छी पहल है, घेंजा को अब देश दुनिया में लोग जानेंगे। इस दौरान घेंजा महोत्सव के मुख्य संयोजक दिनेश कालूड़ा, सह संयोजक विजय पोखरियाल, चंद्रशेखर पैन्यूली, गढ़ भोज के द्वारिका प्रसाद सेमवाल, गजेन्द्र सिंह कंडियाल, केशव रावत, उषा भंडारी, मोहन डबराल, सदड़ गांव के प्रधान प्रतिनिधि नरेंद्र चमोली, जय सिंह रावत, यसपाल कंडियाल, डॉक्टर भरत सिंह राणा, पूर्व जिला पंचायत सदस्य उत्तरकाशी कमल सिंह, प्रताप थलवाल, अभिनव नेगी, धनपाल पंवार आदि लोगो ने अपने विचार व्यक्त किए।

कार्यक्रम का मुख्य संचालन मोहन पंवार ने किया तो मुख्य आयोजक विरेन्द्र सिंह रावत ,चंद्रशेखर पैन्यूली व विजय पोखरियाल द्वारा भी बारी बारी से संचालन किया गया।

इस अवसर पर मिल्ट्स मैन उत्तराखंड के पुरुष्कार से द्वारिका प्रसाद सेमवाल को प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया, तो प्रतापनगर के पथ प्रदर्शक पुरुष्कार से वरिष्ठ पत्रकार अभिनव कलूड़ा, हास्पैटिलिटी क्षेत्र में सुरेंद्र रावत, जिला पंचायत सदस्य रेखा असवाल, रीता राणा, एसओ लंबगांव महिपाल सिंह रावत, निवर्तमान सभासद सौरभ रावत आदि को प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया। लिखवार गांव से गीता देवी, रजनी देवी, सरिता देवी, वैष्णवी, दीक्षा, माधुरी, सरोजिनी, बलमा, निकिता वहीं सौड़ से मनोज व्यास के साथ गीता देवी, रिजु देवी, पूर्णा देवी, अंबेश्वरी देवी के अलावा विभिन्न गांवों की महिलाओं सहित अन्य क्षेत्रों की महिलाओं ने घेंजा उत्सव 2024 में प्रतिभाग किया। कार्यक्रम का समापन विजेताओं को पुरस्कार वितरण के साथ सभी मौजूद लोगो को 121 किलो के श्रीराम घेंजा बांटकर किया गया।

चंद्रशेखर पैन्यूली

प्रधान लिखवार गांव