H3N2-Influenza

H3N2 Virus: H3N2 इन्फ्लूएंजा वायरस ने उत्तराखंड में भी दस्तक दे दी है। हल्द्वानी की लैब में दो मरीजों में H3N2 वायरस की पुष्टि हुई है। इनकी जांच मेडिकल कॉलेज के माइक्रोबायोलॉजी विभाग में कराई गई थी। स्वास्थ्य विभाग ने अतिरिक्त सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं। एसटीएच के वरिष्ठ फिजिशियन डॉ. परमजीत सिंह ने बताया कि लगभग रोज ही तेज बुखार, सिरदर्द, खांसी, सर्दी-जुकाम के 30 से ज्यादा मरीज आ रहे हैं। इनमें से ज्यादातर मरीजों को चिकित्सीय परामर्श के बाद घर भेज दिया गया।

इस बीच माइक्रोबायोलॉजी विभाग की जांच में आई रिपोर्ट में दो मरीजों में H3N2 वायरस की पुष्टि हुई है। माइक्रोबायोलॉजी विभाग में शहर व आसपास के अस्पतालों में आने वाले बुखार, सर्दी-जुकाम के मरीजों के सैंपलों की जांच की जा रही है।

प्रदेश में मेडिकल कॉलेज की वायरोलॉजी लैब में सबसे पहले कोविड संक्रमण की जांच की सुविधा शुरू हुई थी। बाद में जांच का दायरा बढ़ाया गया और मेडिकल कॉलेज में स्वाइन फ्लू समेत अन्य इंफ्लुएंजा की जांच की सुविधा शुरू की गई। अगस्त-2021 से लैब में करीब 1700 से अधिक सैंपल की जांच हुई है। बीती सात मार्च को एच3 एन2 वायरस के दो मरीजों की पुष्टि हुई है। मेडिकल कॉलेज के माइक्रोबायोलॉजी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. उमेश ने एच3 एन2 वायरस मिलने की पुष्टि की है।

उनका कहना है कि घबराने की जरूरत नहीं है। इंफ्लुएंजा फ्लू है। जिनकी प्रतिरोधक क्षमता अच्छी होगी, उन्हें H3N2 वायरस ज्यादा प्रभावित नहीं करेगा। इंफ्लुएंजा वाले मरीज और चिकित्सकों को मास्क पहनने की हिदायत दी जा रही है। सभी लोग आवश्यक सावधानी बरतें। बीमारी के मद्देनजर आइसोलेशन वार्ड बनाने समेत निर्देश जल्द जारी किए जाएंगे।

स्वास्थ्य महानिदेशक ने सभी मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को सीजनल इन्फ्लूएंजा (H1N1, H3N2 आदि) से बचाव के निर्देश जारी कर दिए हैं। इसके तहत सीएचसी ही नहीं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) स्तर तक पीपीई किट, एन-95 मास्क आदि उपलब्ध कराने को भी कहा गया है। स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. विनीता शाह की ओर से जारी निर्देशों के मुताबिक अस्पतालों के स्तर पर इन्फ्लूएंजा से संबंधित मामलों की सघन निगरानी की जाए।

इस पर प्रभावी रोकथाम के लिए रोगियों का वर्गीकरण करने, क्लीनिकल मैनेजमेंट प्रोटोकॉल, होम केयर, सैंपल एकत्र करने की प्रक्रिया अलग की जाएगी। सभी जिला, बेस, संयुक्त चिकित्सालयों में इलाज के लिए आइसोलेशन बेड, वार्ड, आईसीयू, वेंटिलेटर आदि की व्यवस्था करने को कहा गया है।

इन्फ्लूएंजा के मामले में रोगी की पहचान, त्वरित उपचार व मरीज की गंभीर हालत में रेफर करने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी। संदिग्ध मौत होने पर मरीज का डेथ ऑडिट होगा। जिसके लिए ऑडिट कमेटी गठित करनी होगी। यह रिपोर्ट तीन दिन के भीतर महानिदेशालय को उपलब्ध करानी होगी।

H3N2 के लक्षण

विशेषज्ञों के अनुसार, नाक बहना, तेज बुखार, खांसी (शुरुआत में गीली और बाद में लंबे समय तक सूखी), गले में खराश, छाती में जकड़न, मांसपेशी-जोड़ों में दर्द, सिरदर्द और थकावट जैसी समस्या मरीजों में देखी जा रही है।

इन बातों का रखें ध्यान

वरिष्ठ टीबी एंड चेस्ट रोग विशेषज्ञ डॉ. गौरव सिंघल कहते हैं कि इन दिनों लगातार बुखार, कफ, खांसी की शिकायत को लेकर रोगी पहुंच रहे हैं। मरीज को सही होने में काफी समय लग रहा है। ऐसे में कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए।

  • हाथों की नियमित सफाई करते रहें
  • भीड़भाड़ वाले स्थानों पर जाने से बचें
  • मास्क लगाएं
  • पौष्टिक आहार लें
  • सामाजिक दूरी का पालन करें

कोविड और इंफ्लूएंजा के बीच अंतर

विशेषज्ञों के मुताबिक, कोविड लोअर रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट को प्रभावित करता है, जबकि इंफ्लूएंजा वायरस अपर रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट पर असर डालता है, जिसमें बुखार, सर्दी, गले में समस्या, खांसी जैसे लक्षण लंबे समय तक चलते हैं। वरिष्ठ फिजीशियन डॉ. एनएस बिष्ट और डॉ. प्रवीण पंवार के मुताबिक, गर्म कपड़े पहनना ना छोड़ें। अभी ठंडा पानी और कोल्ड ड्रिंक्स न पीएं। पंखा न चलाएं और गुनगुना पानी पीएं। डॉक्टर ने बताया कि सांस, दमा और दिल के मरीज अतिरिक्त सर्तकता बरतें।