शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार
उत्तराखंड में पुष्कर सिंह धामी को मुख्यमंत्री बनाए जाने से नाराज दिग्गज नेताओं को फिलहाल भाजपा के रणनीतिकार मनाने में सफल रहे हैं। शनिवार दोपहर विधायक दल की बैठक के बाद इन नेताओं की ‘नाराजगी’ खुलकर सामने आ गई थी। जिस प्रकार से खबरें आ रही थी उससे लग रहा था कि इस बार भाजपा हाईकमान इन असंतुष्ट नेताओं को मनाने में ‘कामयाब’ नहीं हो पाएगा। रविवार सुबह से ही पुष्कर सिंह धामी की ‘ताजपोशी’ को लेकर कई भाजपा के दिग्गज नेता नाराज थे। असंतुष्ट नेताओं के समर्थक नारेबाजी भी करते रहे। इस पूरे घटनाक्रम पर ‘निगाहें’ दिल्ली केंद्रीय नेतृत्व भी लगाए हुए था। पार्टी आलाकमान नहीं चाहता था, पुष्कर सिंह धामी जब शपथ लें तो पार्टी का कोई नेता ‘नाराज’ रहे। धामी के शपथ ग्रहण से पहले विधायकों के असंतुष्ट होने की खबरें भी आईं। ‘तीरथ सरकार में रहे पूर्व मंत्री बिशन सिंह चुफाल ने तो भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक को फोन कर अपनी नाराजगी जाहिर कर दी’। साथ ही स्पष्ट किया कि वह मंत्री के तौर पर शपथ नहीं लेंगे। उसके बाद नैनीताल के सांसद अजय भट्ट मनाने चुफाल के आवास पहुंचकर उनको मना लिया। रविवार सुबह पुष्कर सिंह धामी ने देहरादून में पूर्व मुख्यमंत्रियों तीरथ सिंह रावत और त्रिवेंद्र सिंह रावत के घर जाकर उनसे मुलाकात भी की। सतपाल महाराज कुछ ज्यादा ही नाखुश दिखाई दिए तो उन्हें मनाने की दिग्गजों को मेहनत करनी पड़ी। दोपहर को धामी ने सतपाल महाराज से भी मुलाकात की।शपथ से पहले भी धामी एक बार फिर मंच से उतरकर सतपाल महाराज से मिलने गए। मुख्यमंत्री की शपथ ग्रहण समारोह से पार्टी के असंतुष्ट नेताओं में ‘मुस्कान’ जरूर आ गई। यह भी चर्चा है कि यह सभी असंतुष्ट नेताओं की नाराजगी दूर करने में दिल्ली भाजपा आलाकमान का ‘दबाव’ भी बताया जा रहा है। रविवार शाम करीब 5 बजे राजभवन में आयोजित समारोह में 45 साल के पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड के 11वें मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने उन्हें शपथ दिलाई। बता दें कि कि पिछले साढ़े चार सालों में उत्तराखंड को तीसरा सीएम मिला है। इससे पहले त्रिवेंद्र सिंह रावत और तीरथ सिंह रावत सीएम रह चुके हैं। धामी राज्य के सबसे कम उम्र के सीएम बन गए हैं। बताया जा रहा है कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से नजदीकी धामी के मुख्यमंत्री बनने में काफी काम आई। 90 के दशक में उन्होंने लखनऊ में एबीवीपी के राष्ट्रीय सम्मेलन के संयोजन की जिम्मेदारी निभाई थी और इससे राजनाथ सिंह उनसे बहुत प्रभावित हुए थे, तब से लगातार धामी राजनाथ के संपर्क में बने रहे। ‘मुख्यमंत्री की कुर्सी संभालने से पहले पुष्कर सिंह धामी पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं को सीधा संदेश देना चाहते हैं कि वह सभी को साथ लेकर चलेंगे’। मुख्यमंत्री के साथ 11 और विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली। मुख्यमंत्री के बाद सतपाल महाराज, हरक सिंह रावत, डॉ. धन सिंह रावत, बंशीधर भगत, यशपाल आर्य, सुबोध उनियाल, अरविंद पांडेय, बिशन सिंह, गणेश जोशी, रेखा आर्य और यतीश्वरानंद को मंत्री पद की शपथ दिलाई गई। पहले कहा जा रहा था कि आज सिर्फ मुख्यमंत्री को शपथ दिलाई जाएगी। सतपाल महाराज, हरक सिंह रावत और धन सिंह रावत मुख्यमंत्री पद की दौड़ में शामिल थे। ये सभी मंत्री तीरथ सिंह रावत सरकार में भी शामिल थे। खास बात यह रही कि इस बार कोई राज्य मंत्री नहीं बना। सभी को कैबिनेट मंत्री पद की शपथ दिलाई गई है। दूसरी ओर उत्तराखंड कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने पुष्कर सिंह धामी को बधाई दी। बीजेपी विधायकों की नाराजगी पर उन्होंने कहा कि नए मुख्यमंत्री का चयन हुआ और इसको लेकर बीजेपी के नेता ही असहज हैंं। जो मुख्यमंत्री अपने राजनीतिक दल को संतुष्ट नहीं कर पा रहा है, जो विधायकों को संतुष्ट नहीं कर पा रहा है वो उत्तराखंड का क्या विकास करेगा।