Heavy rain alert again schools will remain closed in Chamoli and Uttarkashi districts on Monday

SCHOOL CLOSED IN UTTARAKHAND: उत्तराखंड में बारिश का दौर लगातार जारी है। मौसम विभाग ने राज्य के कुछ जिलों में बारिश के मद्देनजर चेतावनी के तौर ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। मौसम विज्ञान केंद्र देहरादून ने 25 अगस्त को चमोली, देहरादून, हरिद्वार, पौड़ी, उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, टिहरी, बागेश्वर तथा नैनीताल आदि जिलों में कहीं-कहीं गर्जन के साथ आकाशीय बिजली चमकने और तेज बारिश की आशंका जताई है। इसके अलावा कहीं-कहीं बहुत भारी बारिश भी हो सकती है।

मौसम विभाग के बारिश के पूर्वानुमान को देखते हुए छात्र-छात्राओं की सुरक्षा के मद्देनजर चमोली और उत्तरकाशी जिला प्रशासन ने 25 अगस्त को सभी स्कूलों (कक्षा 1 से 12 तक) और आंगनबाड़ी केंद्रों में एक दिन का अवकाश घोषित किया है। जिसके आदेश भी जारी किए गए हैं। 25 अगस्त को भी पर्वतीय जिलों में भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट है। जबकि 27 अगस्त तक प्रदेशभर में तेज दौर की बारिश होने की संभावना है।

बता दें कि बीती 23 अगस्त को रात करीब 12 बजकर 48 मिनट पर चमोली जिले के थराली में टुनरी गदेरा (सिफाई) में अचानक पानी बढ़ने और मलबा आने से तबाही मची थी। जिससे सगवाड़ा, चेपड़ो और कोटदीप बाजार में भारी नुकसान हुआ। कई घर, दुकानें, गौशालाएं और वाहन क्षतिग्रस्त हो गए। इतना ही नहीं मलबे की चपेट में आने 20 साल की युवती की दबकर मौत हो गई। जबकि, चेपड़ो के 78 साल के बुजुर्ग लापता हो गए। इसके अलावा 9 लोग घायल हो गए। जिसमें से 6 लोगों को एम्स ऋषिकेश भेजा गया है। जबकि, 1 घायल को उप जिला अस्पताल कर्णप्रयाग में भर्ती कराया गया है। वहीं, दो घायलों को प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे दिए गई है।

करीब 42 लोगों को राहत शिविर में ठहराया गया है। जिसमें 17 लोगों को राजकीय पॉलिटेक्निक कॉलेज कुलसारी और 26 लोगों को प्राथमिक विद्यालय चेपड़ो में ठहराया गया है। आज खुद सीएम पुष्कर धामी थराली पहुंचे और स्थलीय निरीक्षण किया। साथ ही प्रभावितों से मुलाकात कर उनका हाल जाना।

उससे पहले बीते 5 अगस्त की दोपहर को उत्तरकाशी के धराली में ऐसी आपदा आई कि कुछ ही मिनटों में यह गांव मानो नक्शे से गायब हो गया. 5 अगस्त की दोपहर करीब डेढ़ बजे खीरगंगा नदी में आई विनाशकारी बाढ़ के चलते धराली में कई आलिशान होटल, होमस्टे व आवासीय घर तबाह हो गए थे, जो कि करीब 30 से 40 फुट तक मलबे के ढेर के नीचे दब चुके हैं। आपदा के कारण मलबे में दबे लोगों की तलाश अब भी जारी है।