Heavy rain alert in Uttarakhand: उत्तराखंड में मानसून की बरसात से आपदा जैसे हालात पैदा होने लगे हैं। लगातार रुक-रुक कर हो रही बरसात से आम जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। भारी बारिश के कारण नदियों का जल स्तर भी बढ़ गया है। इसबीच रुद्रप्रयाग में आपदा जैसे हालत हो गए है। भारी बारिश के कारण अलकनंदा और मंदाकिनी नदियां खतरे के निशान के बेहद करीब पहुंच गई हैं। आपातकालीन परिचालन केंद्र रुद्रप्रयाग की तरफ से दी गई जानकारी के अनुसार अलकनंदा नदी 626 मीटर पर बह रही है, इसका खतरे का निशान 627 मीटर है। वहीं मंदाकिनी नदी 625 मीटर पर बह रही है, इसका खतरे का निशान 626 मीटर है।

पुलिस-प्रशासन और आपदा विभाग की तरफ से लगातार लोगों से अपील की जा रही है कि नदी-नालों के पास न जाए। भारी बारिश के दौरान घरों में या फिर सुरक्षित स्थानों पर ही रूके रहे। अनावश्यक पूरे से पहाड़ी इलाकों में सफर न करे। भारी बारिश के बाद प्रदेश के अन्य जिलों का हाल भी कुछ इस तरह का है।

अगले चार दिन भारी बारिश का अलर्ट

इसबीच मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार शनिवार से अगले 4 दिनों तक प्रदेशभर में बारिश होगी। मौसम विभाग के पूर्वानुमान के मुताबिक कुमाऊ से लेकर गढ़वाल तक राज्य के सभी जिलों में अगले 4 दिनों तक बारिश का येलो अलर्ट जारी किया गया है। मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक विक्रम सिंह ने बताया कि 22 से 25 जुलाई तक कुमाऊं और गढवाल में कुछ इलाकों में भारी बारिश हो सकती है। संवेदनशील इलाकों में भूस्खलन की वजह से सड़कें बंद हो सकती हैं। लिहाजा आपदा प्रबंधन विभाग और जिला प्रशासन को सतर्क रहने की सलाह दी गई है।

उत्तरकाशी और पौड़ी में बादल फटने से तबाही

उत्तराखंड में उत्तरकाशी के पुरोला और पौड़ी के थलीसैंण में बादल फटने से भारी तबाही हुई है। थलीसैंण-पीठसैंण-बुंगीधार मोटर मार्ग पर बगवाड़ी गांव के समीप पुल के एक हिस्से का पुश्ता क्षतिग्रस्त हो गया है। जिससे चौथान पट्टी के पांच से अधिक गांवों की आवाजाही ठप हो गई है। जबकि पट्टी के 80 गांवों की आवाजाही प्रभावित हुई है। इस आपदा से पट्टी के रौली गांव के एक ग्रामीण की गौशाला बह गई है। जिसमें 10 बकरियां व दो बैल लापता हैं। साथ ही रौली और बगवाड़ी गांव के ग्रामीणों के खेत बह गए हैं।

वहीं उत्तरकाशी में देर रात हुई अतिवृष्टि एवं बादल फटने की घटना के कारण पुरोला, बड़कोट एवं डुंडा तहसील के कई स्थानों पर हुए भूस्खलन से प्रभावितों को प्रशासन ने सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा। साथ ही भूस्खलन से अवरूद्ध सड़कों को खोले जाने और बिजली, पानी की आपूर्ति बहाली के लिए तत्काल प्रयास शुरू कर दिए गए हैं। बड़कोट तहसील के अंतर्गत गंगनानी में भूस्खलन का मलबा आने के कारण एक टूरिस्ट रिजॉर्ट के कुछ कॉटेज क्षतिग्रस्त हुए हैं और कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय के परिसर में भी मलबा घुसा है। पुरोला के छाड़ा खंड में भी बादल फटने के कारण भूस्खलन हुआ है। भूमि कटाव और कुछ घरों और दुकानों में मलवा घुस गया। वहीँ छाड़ा खड्ड में बादल फटने से नगर पंचायत पुरोला के वार्ड नं 3 व 4 में कुछ भवनों, वाहनों, सडक़ आदि को क्षति पहुंची है।

घटना की जानकारी मिलते ही तत्काल देर रात प्रशासनिक टीम और एसडीआरएफ के कर्मियों ने मौके पर पहुंचकर प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया। सुरक्षा के मद्देनजर जिलाधिकारी ने विकासखंड पुरोला के विद्यालयों में अवकाश घोषित किया गया है। दूसरी तरफ गंगनानी में सड़क पर मलबा आने से सड़क बंद हो गई है।