High Court abolishes the limited mandatory requirement of pilgrims for Char Dham Yatra

आज नैनीताल हाईकोर्ट ने चार धाम यात्रा पर आने वाले तीर्थ यात्रियों को बड़ी राहत दी है। अभी तक तीर्थ यात्रियों के लिए यहां आने के लिए सीमित संख्या थी। जिसकी वजह से अन्य राज्यों से आने वाले यात्री परेशान थे। लेकिन मंगलवार को उच्च न्यायालय ने चार धाम यात्रा के लिए आ रहे श्रद्धालुओं के लिए सीमित संख्या का नियम खत्म कर दिया है। अब असीमित संख्या में श्रद्धालु चारधाम यात्रा कर सकेंगे।

हाइकोर्ट में आज चारधाम यात्रा में श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ाने के मामले में सुनवाई हुई। इस दौरान कोर्ट ने चारधाम में तीर्थयात्रियों की संख्या को लेकर फैसला सुनाया। बता दें कि पूर्व में कोर्ट ने केदारनाथ धाम के लिए प्रतिदिन 800, बदरीनाथ धाम के लिए 1000, गंगोत्री के लिए 600, यमुनोत्री के लिए 400 श्रद्धालुओं की ही अनुमति दी थी। यात्रा के लिए तीर्थयात्रियों की संख्या बढ़ाने को लेकर हाल ही में सरकार ने हाईकोर्ट में प्रार्थनापत्र दाखिल किया था। इसके बाद सोमवार को महाधिवक्ता एसएन बाबुलकर और मुख्य स्थायी अधिवक्ता चंद्रशेखर रावत ने कोर्ट में इस प्रकरण पर सुनवाई के लिए प्रार्थना की थी।

महाधिवक्ता ने सरकार का पक्ष रखते हुए कहा था कि कोविड को देखते हुए कोर्ट ने पूर्व में चारधाम यात्रा के लिए श्रद्धालुओं की संख्या निर्धारित की थी। वर्तमान में प्रदेश में कोविड के मामले न के बराबर आ रहे हैं। इसलिए चारधाम यात्रा के लिए श्रद्धालुओं की निर्धारित संख्या को बढ़ाया जाए। महाधिवक्ता ने कोर्ट में कहा था कि चारधाम यात्रा समाप्त होने में 40 दिन से कम का समय बचा है। इसलिए जितने भी श्रद्धालु वहां आ रहे हैं, उन्हें दर्शन करने की अनुमति दी जाए।