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नैनीताल : उत्तराखंड हाइकोर्ट ने कोरोना संक्रमण के मामलों को गंभीरता से देखते हुए राज्य सरकार को आदेश दिए हैं कि जितना सम्भव हो पाए उत्तराखंड में आने वाले लोग जो रेड ज़ोन से आ रहे है। उनको राज्य की सीमा पर ही संस्थागत क्वारंटाइन किया जाए। साथ ही उनकी कोरोना जांच भी सुनिश्चित करवाई जाए।

कोर्ट ने यह भी कहा कि कोरोना टेस्ट भी आवश्यक रूप से हो और इसकी रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद ही उन्हें उनके घर भेजें। आज न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया व न्यायमूर्ति रवींद्र मैठाणी की खंडपीठ के समक्ष वीडियो कांफ्रेसिग के माध्यम से मामले की सुनवाई हुई। हरिद्वार निवासी ने सचिदानन्द डबराल ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कोरोना वायरस से बचाव के लिए घोषित लॉकडाउन के दौरान प्रभावित लोंगों की मदद करने की मांग की थी।

इससे संबंधित विभिन्न अन्य जनहित याचिकाओं पर संयुक्त रूप से सुनवाई हुई। पूर्व में सुनवाई के दौरान महाधिवक्ता ने कोर्ट को बताया था कि उत्तराखंड में अन्य राज्यों के करीब 40 हजार मजदूर हैं। जबकि करीब  दो लाख उत्तराखंड के लोग अन्य राज्यों में फंसे हैं जो उत्तराखंड आना चाह रहे हैं।

संबंधित लोगों ने उत्तराखंड आने के लिए पंजीकरण भी कराया है। सरकार की ओर से कोर्ट को बताया गया कि बाहरी राज्यों से आने वाले प्रवासियों की जांच व देखभाल के लिए राज्य सरकार ने 49 राहत कैंप लगाए गए हैं, जिनमें जांच की जा रही है। इसके बाद न्यायालय ने रिलीफ कैंप के लिए कोर्ट कमिश्नर की नियुक्ति की थी। मामले में अगली सुनवाई अगले सप्ताह होगी।