उत्तराखंड में टिहरी गढ़वाल के अंतर्गत हिंडोलाखाल के पास खेड़ागाड गाँव में शुक्रवार तड़के ऋषिकेश-गंगोत्री हाईवे पर ऑल वेदर रोड का पुश्ता ढहने से एक दो मंजिला मकान मलबे में दब गया। मलबे की चपेट में आये मकान में भाई बहन सहित तीन लोग जिंदा दफ़न हो गए। जबकि मकान मालिक धर्म सिंह नेगी ने किसी तरह मलबे से निकलकर अपनी जान बचाई।
जानकारी के मुताबिक शुक्रवार तड़के करीब 04 बजे टिहरी गढ़वाल के अंतर्गत हिंडोलाखाल के पास खेड़ागाड़ गांव निवासी धर्म सिंह नेगी के मकान के ऊपर ऋषिकेश-गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग (NH-94) की भारी-भरकम दीवार टूटने से मलबा आ गया। मलबे में मकान पूरी तरह ध्वस्त हो गया, जिसमें धर्म सिंह तो किसी तरह बाहर निकल आए, लेकिन मकान में सो रही उनकी बेटी विनीता (28 वर्ष), बेटा अंकित (19 वर्ष) और भांजी नीलम (22 वर्ष) मलबे में दब गए। सूचना पर पहुंची पुलिस और एसडीआरएफ के जवानों ने जेसीबी और अन्य उपकरणों की मदद से करीब 4-5 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद मलबा हटाया तब तक तीनों की मौत हो चुकी थी। धर्म सिंह को भी हल्की चोट आई है। जिस वक्त यह हादसा हुआ उस वक्त धर्म सिंह की पत्नी देवा देवी अपने मायके गई हुईं थीं। जब वह वापस लौटीं तो बच्चों को कफन में लिपटा देख उनकी की चीखें निकल पड़ी।
मकान के ऊपर मिट्टी-पत्थरों का ढेर इतना अधिक लग गया था, कि एसडीआरएफ के जवान चार घंटे बाद एक युवती का शव निकाल पाए। शव को देखते ही मां देवा देवी रोते-रोते बेहोश हो गई। उसके करीब एक घंटे बाद दो अन्य शवों को निकाला गया। घटना से नाराज ग्रामीणों ने एनएच पर घटिया निर्माण का आरोप लगाते हुये रोष जाहिर कर सांकेतिक जाम भी एनएच पर लगाया।
एनएच-94 पर हुई दर्दनाक घटना में तीन लोग के मलबे में दबकर मरने की घटना को लेकर डीएम मंगेश घिल्डियाल ने मजिस्ट्रेटी जांच के आदेश दिये हैं।