श्रीनगर : श्रीनगर गढवाल स्थित सिद्धपीठ कमलेश्वर महादेव मंदिर के प्रांगण में आज श्री क्षेत्र श्रीनगर गढवाल को धर्मनगरी बनाने के संकल्प के साथ हिमालय ज्योतिष परिषद का गठन किया गया। इसमें समस्त ज्योतिष विद्वानों द्वारा ज्योतिष संबंधी चर्चा-परिचर्चा की गई एवं कमलेश्वर महादेव मंदिर के महंत 108 श्री आशुतोष पुरी जी को सर्वसम्मति से संगठन का संरक्षक घोषित किया गया। संगठन के पदाधिकारियों का चुनाव भी सर्वसम्मति से किया गया.

जिसमें भाष्करानंद अण्थवाल को अध्यक्ष, प्रो. रामानंद गैरोला को उपाध्यक्ष, डॉ. प्रकाश चमोली  को सचिव, राकेश थपलियाल को सहसचिव, चैतन्य कुकरेती को मीडिया प्रभारी एवं नितिन नवानी को संगठन का कोषाध्यक्ष नियुक्त किया गया। हिमालय ज्योतिष परिषद के नवनियुक्त अध्यक्ष आचार्य अण्थवाल ने कहा कि ज्योतिष एक विद्या ही नहीं अपितु विज्ञान है और जिस प्रकार एक चिकित्सक रोगी को पूछकर उसके रोग का निदान करता है, उसी प्रकार यदि जातक का जन्म समय सही हो तो एक ज्योतिष चिकित्सा विज्ञान के द्वारा जातक को यह बता सकता है कि आगे वह किस रोग से पीड़ित होगा और कहाँ पर उसकी मारकेश की दशा है और आगे आने वाली दशाओं, विपत्तियों के प्रति सचेत कर सकता है।

यदि लग्नेश मृत्यु भाव में है, चतुर्थ भाव, चतुर्थेश यदि मृत्यु भाव में है, 64वें द्रेष्काण में है, चतुर्थेश मारकेश के साथ युति-दृष्टि से संलग्न है, तो चिकित्सा ज्योतिष के अनुसार उस जातक की निश्चित रूप से ओपन हार्ट सर्जरी होगी। एक जो बच्चा है, ज्योतिष उसकी कुंडली को देखकर बता सकता है कि उसकी कुंडली में विदेश अध्ययन (Foreign Study) के योग हैं या नहीं, विदेश यात्रा के योग हैं या नहीं, विदेश में सेटल होने के योग हैं या नहीं इत्यादि के रूप में ज्योतिष निर्विवाद रूप से अपने परामर्श को दे सकता है।

कार्यक्रम के अंत में संगठन के संरक्षक श्री महंत जी ने अपने शुभाशीष पूर्ण वचनों से कार्यक्रम की समाप्ति की। उक्त कार्यक्रम में क्षेत्र के प्रतिष्ठित ज्योतिष विद्वान शांति प्रसाद बहुगुणा, अखिलेश भट्ट, गिरीश चंद्र भट्ट, जीष आचार्य जगदीश प्रसाद नैथानी, पंडित दुर्गा प्रसाद बमराड़ा, पंडित प्रकाश चन्द्र खंकरियाल, आचार्य प्रेम वल्लभ नैथानी, दिनेश प्रसाद जोशी ने प्रतिभाग किया।