श्रीनगर गढ़वाल : हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय श्रीनगर में BSc छठवें सेमेस्टर गणित के प्रश्नपत्र में इतिहास व लॉ के प्रश्न आने का मामला सामने आया है। जैसे ही अधिकारियों को गलती का पता चला उन्होंने आनन-फानन में परीक्षार्थियों से उत्तर पुस्तिकाएं वापस ले ली। विश्वविद्यालय में लापरवाही के चलते छात्रों को आज परीक्षा केंद्र से बिना पेपर दिए ही घर लौटना पड़ा। इसके बाद छात्रों ने जमकर बवाल काटा। छात्रों ने परीक्षा नियंत्रक का घेराव कर प्रदर्शन किया। छात्रों ने छात्रों को हर्जाना देने या प्रमोट करने की मांग की। इस दौरान तीखी बहस भी हुई। विश्वविद्यालय प्रशासन ने बीएससी छठवें सेमस्टर गणित प्रश्नपत्र की परीक्षा को रद्द करते हुए 10 अगस्त को पुन: गणित प्रश्नपत्र की परीक्षा किए जाने का आदेश जारी कर दिया है।
विश्वविद्यालय छात्र संघ अध्यक्ष गौरव मोहन नेगी, सचिव सम्राट राणा, पूर्व उपाध्यक्ष अनमोल भंडारी व छात्र नेता विरेंद्र सिंह बिष्ट के नेतृत्व में परीक्षा नियंत्रक का घेराव करने पहुंचे छात्रों ने विश्वविद्यालय की कार्य प्रणाली पर गहरा आक्रोश व्यक्त करते हुए विश्वविद्यालय प्रशासन के विरोध में नारेबाजी की। इस दौरान सचिव सम्राट राणा ने कहा कि बीएससी के छठवें सेमेस्टर के छात्रों का गणित का प्रश्नपत्र था लेकिन गलत पेपर आने से छात्र बिना परीक्षा दिए हॉल से बाहर आ गए। पूर्व छात्रसंघ उपाध्यक्ष अनमोल भंडारी ने कहा कि छात्र-छात्राएं विषम परिस्थितियों के बावजूद परीक्षा देने आए लेकिन हॉल में पता चलता है कि पेपर में कुछ ओर ही आया है। छात्रनेता वीरेंद्र बिष्ट ने कहा कि परीक्षा नियंत्रक की छात्रों के भविष्य के प्रति उदासीनता का इससे बड़ा प्रमाण और क्या हो सकता है कि छात्र सुबह 8 बजे से आंदोलित हैं, लेकिन परीक्षा नियंत्रक साढ़े 11 बजे तक कार्यालय नहीं पहुंचे। छात्रसंघ अध्यक्ष गौरव मोहन नेगी ने कहा कि छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ करने वाले अधिकारी-कर्मचारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए।
विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक एचएम आजाद ने कहा कि बीएससी छठवें सेमेस्टर गणित प्रश्न पत्र में प्रिटिंग एरर के चलते लॉ के प्रश्न आ गए थे। प्रश्नपत्र की परीक्षा को रद्द कर दिया गया है। गणित प्रश्नपत्र की परीक्षा नए सिरे से 10 अगस्त को शाम 3 से 5 बजे की पाली में कराया जाएगा। लॉ का प्रश्नपत्र 31 जुलाई को पेपर के दूसरे सेट से होगी। प्रकरण की जांच के लिए डीएसडब्ल्यू की अध्यक्षता में 3 सदस्यीय कमेटी गठित की गई है जो 10 दिन के भीतर रिपोर्ट उपलब्ध कराएगी। अगर मामले में प्रिटिंग प्रेस की गड़बड़ी होती है तो उसके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।