श्रीनगर गढ़वाल : उत्तराखंड अधिकारी-कार्मिक-शिक्षक महासंघ द्वारा तय किये गए कार्यक्रमानुसार राजकीय शिक्षक संघ खिर्सू के पदाधिकारियों ने आज गोल्डन कार्ड के शासनादेश की होली जलाई गई। इस शासनादेश पर सभी वक्ताओं ने इस बात पर गहरा आक्रोश किया कि अभी तक गोल्डन कार्ड की खामियों को दूर नहीं किया गया है। वक्ताओं ने कहा कि यदि गोल्डन कार्ड की खामियों को दूर नहीं किया गया तो एक बडे आंदोलन की तैयारी कर्मचारियों अध्यापकों के साथ पेंशनर भी करेगें। इस मौके पर गोल्डन कार्ड में व्याप्त निम्नलिखित खामियों को दूर करने की मांग की गयी।
- गोल्डन कार्ड में बेहतर अस्पताल चिन्हित नहीं किए गए हैं। जिन चिन्हित अस्पतालों की लिस्ट शासन द्वारा दी गई है, उसमें अधिकतर अस्पताल अभी तक अनुबंध न होने की बात करके इसका लाभ कर्मचारी अध्यापक पेंशनधारी को नहीं दे रहे हैं।
- गोल्डन कार्ड बने नहीं है और कार्मिकों व पेशनधारियों के वेतन और पेंशन में कटौती नियमित रूप से जारी है।
- सरकार कर्मचारी के वेतन व पेंशन से पैसा काटती है और उसी पर कर्मचारियों को स्वास्थ्य लाभ दे रही है सरकार का अपना कोई हिस्सा इसमें नहीं है। तो जब सरकार का कोई हिस्सा नहीं है तो कर्मचारी को गोल्डन कार्ड बनाने के लिए बाध्य नहीं किया जाना चाहिए। बल्कि यह स्वैच्छिक होना चाहिए जब तक कि सरकार अपना हिस्सा इसमें अदा नहीं करती। फिर कर्मचारी सरकार की इस योजना कि जगह बेहतर विकल्प वाली किसी भी इंश्योरेंस कंपनी की पालसी खरीदना बेहतर समझेगा।
- जिन अस्पतालों से यह लाभ दिया भी है तो बड़ी लम्बी प्रकिया से दिया जा रहा है, जबकि संगठन का मानना है कि यह प्रकिया सरल हो, जैसे एटीएम की तरह जिस तरह से अन्य इंश्योरेंस कम्पनियाँ कर रही हैं।
- इसका आधा अधूरा लाभ ही मिल पा रहा है, यानि ओपीडी व दवाईयों के लिए न होकर आपरेशन व एडमिट होने पर ही इस स्कीम का लाभ मिलेगा।
होली दहन कार्यक्रम में राजकीय शिक्षक संघ के ब्लाक अध्यक्ष मनोज काला, राजकीय शिक्षक संघ के पूर्व मण्डलीय संयुक्त मंत्री प्रवेश चमोली, शाखा अध्यक्ष श्रीमती बबिता भूषण, मंत्री सुनील चमोली, कैलाश पुण्डीर, देवेंद्र रावत, जूनियर हाईस्कूल के पूर्व प्रान्तीय सदस्य महेश गिरि, श्रीमती गुड्डी घिल्डियाल, भरत असवाल, प्राथमिक श्रीमती उषा पुरी, श्रीमती अरूणा नौटियाल, दुर्गेश शर्मा आदि उपस्थित रहे।