Surendra Lal Arya

कोटद्वार: आर्य गिरधारीलाल महर्षि दयानंद ट्रस्ट के पदाधिकारियों ने विश्व मानवाधिकार सुरक्षा आयोग दिल्ली की ओर से ट्रस्ट के संस्थापक अध्यक्ष सुरेन्द्रलाल आर्य को समाजसेवा व मानवाधिकार के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए डॉक्टरेट की मानद उपाधि के लिए चुने जाने पर ख़ुशी व्यक्त है।

कोटद्वार के ध्रुवपुर स्थित कार्यालय में आयोजित बैठक में वरिष्ठ साहित्यकार प्रोफेसर नन्दकिशोर ढोण्डियाल ने कहा कि समाजसेवी सुरेन्द्रलाल आर्य पिछले लंबे समय से दीन दुखियों, बीमारों, वृद्धों, असहाय, दिव्यांगों की लगातार निस्वार्थ भाव से सेवा करते आ रहे हैं। साथ ही निर्धन छात्रों की पढ़ाई के क्षेत्र में भी अनवरत कार्य कर रहे हैं। उनसे प्रेरणा लेकर काफी लोग भी उनके साथ जुड़कर सामाजिक कार्यों में अपनी भागीदारी निभा रहे हैं, जो संगठन के लिए हर्ष का विषय है।

समाजसेवी सत्यप्रकाश थपलियाल ने कहा कि आर्य जी को ‘विश्व  मानवाधिकार सुरक्षा आयोग’ का राष्ट्रीय सदस्य भी चुन गया है जो उत्तराखंड के लिए गर्व की बात है यह उनकी 50 वर्षों से की जा रही निस्वार्थ  सेवाओं का प्रतिफल है, उन्होंने भूमिहीन मज़दूरों के अधिकारों के लिए  1975 में ही भूमिहीन मज़दूर किसान समिति का गठन कर लिया था । वरिष्ठ पत्रकार सुभाष चन्द्र नौटियाल ने कहा कि आर्य जी संत निकोलस की भूमिका निभा रहे हैं वे सरलता, सादगी ,पूर्ण निष्ठा व समर्पण भाव से दीन दुखियों की सेवा  में समर्पित हैं ।

ट्रस्टी डॉ. मनोरमा ढोण्डियाल ने कहा कि आर्य जी ने 40 वर्ष तक स्टेट बैंक में नौकरी भी समाजसेवी के रूप में की, वे अन्तराष्ट्रीय व कई राष्ट्रीय सम्मानों से सम्मानित हैं व उनके जीवन दर्शन पर  सर्वोदयार्थ समर्पित जीवन ‘सुरेन्द्र लाल आर्य अभिनन्दन ग्रन्थ’ प्रकाशित हो चुका है ।

बैठक में नगरपालिका के पूर्व अध्यक्ष पूरण सिंह रावत, नागरिक मंच अध्यक्ष चंद्रप्रकाश नैथानी, साहित्यांचल के पूर्व अध्यक्ष जनार्दन बुडाकोटी, कैप्टन पीएल खंतवाल (सेनि), सुदीप बौंठियाल, अजय नेगी, शूरवीर खेतवाल और सतीश कुमार आदि मौजूद रहे।