देहरादून: उत्तराखंड में गर्मियों की लंबी छुट्टी के बाद सभी सरकारी स्कूल एक जुलाई (शनिवार) से खुल गए हैं। लेकिन स्कूल खुलने पर पहले दिन ही सैकड़ों शिक्षक व प्रधानाचार्य विद्यालय नहीं पहुंचे। दरसल शिक्षा विभाग की तरफ से तैयार की गई विभिन्न टीमों ने पहले दिन ही प्रदेश भर के 508 से अधिक स्कूलों का औचक निरीक्षण किया। जिसमें 300 से ज्यादा शिक्षक और प्रधानाचार्य गायब मिले। जिसके बाद शिक्षा निदेशालय ने सख्त रुख अपनाते हुए अनुपस्थित पाए गए प्रधानाचार्य और शिक्षकों को नोटिस जारी किया है। विभाग द्वारा अनुपस्थित पाए गए प्रधानाचार्य और शिक्षकों का वेतन रोकने के निर्देश के साथ ही इनका जवाब तलब किया गया है।
जानकारी के मुताबिक निरीक्षण के दौरान अल्मोड़ा जिले के 82 स्कूलों के 39 सहायक अध्यापक, 11 प्रवक्ता और पांच प्रधानाचार्य, बागेश्वर में 23 स्कूलों के निरीक्षण में छह सहायक अध्यापक, तीन प्रवक्ता, एक प्रधानाचार्य, नैनीताल में 23 स्कूलों में छह सहायक अध्यापक, तीन प्रवक्ता, एक प्रधानाचार्य, ऊधमसिंह नगर जिले के 43 स्कूलों में 15 सहायक अध्यापक, 17 प्रवक्ता, दो प्रधानाचार्य, पिथौरागढ़ जिले के 20 स्कूलों में 16 सहायक अध्यापक, 12 प्रवक्ता, दो प्रधानाचार्य स्कूल से नदारद मिले।
इसके अलावा हरिद्वार में आठ सहायक अध्यापक, दो प्रवक्ता, रुद्रप्रयाग में छह सहायक अध्यापक, चार प्रवक्ता, चमोली में चार सहायक अध्यापक, चार प्रवक्ता, टिहरी में 10 सहायक अध्यापक, पांच प्रवक्ता, उत्तरकाशी में पांच सहायक अध्यापक, सात प्रवक्ता एवं देहरादून जिले में भी 18 से अधिक शिक्षक अनुपस्थित मिले। जबकि पौड़ी में 32 सहायक अध्यापक निरीक्षण के दौरान स्कूल में नहीं मिले। वहीं पहले दिन मात्र 20 प्रतिशत छात्र स्कूल पहुंचे। विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक 46419 छात्र-छात्राओं में से स्कूल में 36931 छात्र अनुपस्थित रहे।
डीजी-शिक्षा बंशीधर तिवारी ने कहा कि गर्मियों की छुट्टियों के बाद स्कूल खुलने के पहले ही दिन बड़ी संख्या में शिक्षकों की गैरहाजिरी को गंभीरता से लिया गया है। गैरहाजिर मिले सभी शिक्षकों का वेतन रोकते हुए जवाब तलब किया जा रहा है। अब से नियमित रूप से प्रदेश के सभी सरकारी स्कूलों का औचक मुआयना किया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह वास्तव में गंभीर विषय है। शिक्षक समाज का आदर्श होते हैं। छात्र ही नहीं बल्कि पूरा समाज उनसे प्रेरणा लेता है। शिक्षकों को तो स्वयं ही अनुशासन और कार्यपरायणता की मिसाल पेश करनी चाहिए।