बागेश्वर: उत्तराखण्ड के बागेश्वर जनपद के नदीगांव, जौलकांडे व दयांगण गांव समेत आसपास के गांवों में पिछले कई दिनों से आतंक का पर्याय बन चुके आदमखोर तेंदुए को आख़िरकार शिकारी लखपत सिंह ने मार गिराया। इससे स्थानीय लोगों ने राहत की सांस ली है। पिछले कई दिनों से आदमखोर तेंदुए की तलाश में गाँव के आस-पास डेरा डाले शिकारी लखपत सिंह को शुक्रवार शाम को तेंदुआ नजर आया और मौका देखते ही शिकारी ने तेंदुए को गोली मार दी। हालाँकि गोली लगते ही तेंदुआ भाग गया। और आज सुबह उसका शव पास के गधेरे में मिला। तेंदुए को मारने के बाद ग्रामीणों ने लखपत सिंह का स्वागत किया।
लोगों ने ली चन की सांस
शुक्रवार की सुबह नीलेर पहाड़ी में तेंदुए द्वारा खच्चर को निवाला बनाया था। जिस पर शिकारी लखपत सिंह ने उस स्थान की रैकी की। बताया कि उसने पंजे के निशान से देखा कि नदीगांव में हमला करने वाले तेंदुए से उसके पंजे मिल रहे हैं। जिस पर उसने मोर्चा संभाल लिया। सायं लगभग साढे छह बजे लखपत सिंह को दयांगण बाइपास में तेंदुए की गतिविधियां दिखी जिस पर उसने सर्च लाइट से तेंदुए की तलाश प्रारंभ की। इस बीच उसे पहाड़ी में तेंदुए दिखाई दिया।
इस पर उसने तेंदुए को एक ही गोली में मार दिया। गोली लगते हीतेंदुआ वहां से भाग खड़ा हुआ। आज सुबह ग्रामीणों व वन विभाग की टीम ने तेंदुए की खोज की तो उन्हें गधेरे में तेंदुए का शव दिखा। वन विभाग ने तेंदुए को कब्जे में लेकर उसका पोस्टमार्टम कराया। तेंदुए को मारे जाने पर ग्रामीण पूरन रावल,आदर्श कठायत,मुन्ना कठायत आदि ग्रामीणों ने लखपत सिंह का आभार जताया।
दांत व नाखून घिसने से आदमखोर बना तेंदुआ
शिकारी लखपत सिंह व वन विभाग की टीम ने दावा किया है कि जो तेंदुआ मार गिराया है वही नदीगांव में मासूम बालिका पर हमला करने वाला तेंदुआ है। बताया कि पोस्टमार्टम में साफ हो गया है कि तेंदुए के दांत व नाखून घिस चुके थे। इससे वह शिकार नहीं कर पा रहा था और आदमखोर हो गया। बताया कि मारा गया आदमखोर तेंदुआ नर है। इसकी उम्र लगभग 10 से 11 वर्ष है। तथा लंबाई दो मीटर 70 सेमी व उंचाई 80 सेमी है।
शाम से ही मोर्चा संभाल लिया था शिकारी लखपत
शिकारी लखपत सिंह शुक्रवार की सुबह ही आस्वस्थ हो गए थे कि नीले,वर की पहाड़ी में आतंक मचा रहा तेंदुआ ही आदमखोर है। उन्हें पंजे के निशान से यह अनुमान लग चुका था। साथ ही सायं होते ही वन विभाग ने दयांगण बाइपास में लोगों की आवाजाही बंद करा दी थी। साथ ही लखपत सिंह ने मोर्चा संभाल लिया था।
लखपत सिंह ने किया 52वें आदमखोर तेंदुए को ढेर
शिकारी लखपत सिंह अपने जीवन में 52 आदमखोर तेंदुए ढेर कर चुके हैं। 52वां तेंदुआ ढेर करने का रिकार्ड उन्होंने शुक्रवार की सायं पूरा किया। लखपत सिंह ने बताया कि उन्हें किसी को शूट करना अच्छा नहीं लगता है परंतु आतंक का पर्याय बने जानवर को ढेर करना समाज की आवश्यकता होती है।